Nitin Gadkari: नितिन गडकरी ने अपनी ही पार्टी को लेकर कही ऐसी बात कि हर कोई रह गया हैरान
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जो अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में बने रहते हैं। पिछले कुछ दिनों से वे कुछ न कुछ ऐसा कह दे रहे हैं , जिससे लग रहा है कि वे अपनी ही पार्टी के खिलाफ हैं।और इस बार तो उन्होने ये तक कह दिया कि चौथी बार केंद्र में मोदी सरकार नहीं बनेगी।
Nitin Gadkari: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जो अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में बने रहते हैं। पिछले कुछ दिनों से वे कुछ न कुछ ऐसा कह दे रहे हैं , जिससे लग रहा है कि वे अपनी ही पार्टी के खिलाफ हैं।और इस बार तो उन्होने ये तक कह दिया कि चौथी बार केंद्र में मोदी सरकार नहीं बनेगी। जी हां, गडकरी ने साफ-साफ कहा है कि चौथी बार सरकार बनने की गारंटी नहीं है।
केंद्र में भाजपा चौथी बार सरकार बनाए इसकी कोई गारंटी नहीं - गडकरी
बीते दिन यानी रविवार को नितिन गडकरी नागपुर में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। यहां उन्होने केंद्रीय मंत्री अठावले को अंबेडकर पुरस्कार से सम्मानित किया और तो और उन्हे मौसम वैज्ञानिक तक कह दिया। इसी क्रार्यक्रम में गडकरी ने संबोधन के दौरान कहा कि केंद्र में भाजपा चौथी बार सरकार बनाए इसकी कोई गारंटी नहीं है। लेकिन हमारे सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के चीफ रामदास अठावले अगली सरकार में मंत्री जरूर बनेंगे। जब केंद्रीय मंत्री ने ये बात कही तो अठावले भी मंच पर मौजूद थे। हालांकि गडकरी ने बाद में मुस्कुराकर ये कह दिया कि 'मैं केवल मजाक कर रहा था। अब बात करें कि आखिर गडकरी ने अठावले को मौसम वैज्ञानिक क्यों कहा तो बात कुछ यूं है कि दौरान अठावले ने अपने भाषण में कहा था कि उन्हें अब तक 3 बार केंद्र में मंत्री पद मिला है और सरकार आने पर वह चौथी बार भी मंत्री बनेंगे। इस पर गडकरी ने कहा- अठावले मौसम वैज्ञानिक हैं। वैसे भी अठावले संसद में अपने मजाकिया अंदाज में बोलने के लिए चर्चा में रहते हैं।
रामदास अठावले की मंच से की तारीफ
गडकरी ने मंच से रामदास अठावले की तारीफ भी की। उन्होने कहा कि मेरा मानना है कि उन्होंने दलितों और पीड़ित लोगों के लिए अपना जीवन लगा दिया। अब वापस आते हैं गडकरी के बयान की ओर। ये पहली बार नहीं है जब गडकरी के किसी बयान से लगा हो कि वे अपने सरकार या अपने ही गठबंधन के खिलाफ बोल रहे हैं। कुछ दिन पहले 20 सितंबर को उन्होने कहा था कि राजा ऐसा हो, जो आलोचना झेल सके। दरअसल MIT वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम के दौरान गडकरी आलोचनाओं का आत्मचिंतन करने की बात कह रहे थे। उस वक्त उन्होने कहा कि राजा (शासक) को ऐसा होना चाहिए कि कोई उसके खिलाफ बात करे, तो उसे बर्दाश्त करे। आलोचनाओं का आत्मचिंतन करे। यही लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा होती है। आजकल राजनीति में जो हो रहा है, वह दूसरी जगहों (विदेशों में) पर भी हुआ है। वहां पार्टियों का अस्तित्व तक खत्म हो गया। इससे पहले 15 सितंबर को पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में इंजीनियर्स डे कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा था कि हमारे देश में किसी भी काम को पूरा करने के लिए पारदर्शिता की जरूरत होनी चाहिए। कई बार तो हालात ऐसे होते हैं कि सड़कों के गड्ढे भरने के लिए भी बॉस का आदेश चाहिए होता है। मैं अभी उनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता, लेकिन कई बार पैसा हाथ में आते ही काम शुरू हो जाता है। हमारे यहां 'न्यूटन के पिता' हैं, जितना वजन फाइल पर डालोगे, उतनी ही तेजी से आगे बढ़ेगी। गडकरी के इन बयानों का काफी अलग अलग मतलब निकाला गया था। राजनीति की गलियों में इस बात की खूब चर्चा हुई थी।
मुझे विपक्ष की तरफ से पीएम बनने का ऑफर था -नितिन गडकरी
इसके पहले 14 सितंबर को भी गडकरी का एक बयान काफी वायरल हुआ था।उन्होने कहा था कि किसी विपक्षी नेता ने उन्हे PM बनने का ऑफर दिया था पर उन्होने ठुकरा दिया। गडकरी ने कहा था कि मुझे एक घटना याद है। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा। उस व्यक्ति ने कहा था कि अगर आप प्रधानमंत्री बनते हैं, तो हम समर्थन करेंगे। मैंने उनसे पूछा कि आप मेरा समर्थन क्यों करेंगे और मुझे आपका समर्थन क्यों लेना चाहिए? PM बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं है।
अब एक और वायरल बयान की बात करें तो देश में जातिवाद की सियासत पर बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जातिगत राजनीति पर तीखा बयान दिया था। गडकरी ने गोवा के एक कार्यक्रम में कहा कि महाराष्ट्र में इस समय जातिवाद की पॉलिटिक्स हो रही है। मैं जात-पात को नहीं मानता। जो करेगा जात की बात, उसको कसकर मारूंगा लात।
इतना ही नहीं शिवाजी की मूर्ति गिरने पर भी गडकरी ने बड़ा बयान दिया था। गडकरी ने दिल्ली में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में कहा कि अगर छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा बनाने में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल होता तो वो कभी नहीं गिरती। फिलहाल ये थे वो बयान जिसकी वजह से गडकरी खूब चर्चा में रहे। और अभी भी उनके बयानों को लेकर चर्चा जारी है।