Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर में पूर्व न्यायिक सहायक ने की इच्छा मृत्यु की मांग, राष्ट्रपति को लिखा पत्र

पूर्व न्यायिक सहायक ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर परिवार के चार सदस्यों सहित इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है। उन्होंने राष्ट्रपित को लिखे पत्र में एक अधिवक्ता और उनकी पत्नी पर मकान पर कब्जा करने का आरोप लगाया है।

Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर में पूर्व न्यायिक सहायक ने की इच्छा मृत्यु की मांग, राष्ट्रपति को लिखा पत्र

Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में एक 74 वर्षीय पूर्व न्यायिक सहायक (former judicial assistant) ने अपने परिवार समेत इच्छा मृत्यु की मांग की है। पूर्व न्यायिक सहायक ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर परिवार के चार सदस्यों सहित इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है। कृष्णापुरी निवासी रमेश चंद वर्मा पूर्व न्यायिक सहायक हैं। उन्होंने राष्ट्रपित को लिखे पत्र में एक अधिवक्ता और उनकी पत्नी पर मकान पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। जिस कारण उन्होंने अपनी पत्नी उषा वर्मा और पुत्र संजय कुमार व मनोज कुमार के साथ इच्छा मृत्यु की मांग की है। पूर्व न्यायिक सहायक ने राष्ट्रपति (President), प्रधानमंत्री (Prime Minister) और मुख्यमंत्री (Chief Minister) सहित स्थानीय अधिकारियों को भी लेटर लिखा है।

पूर्व न्यायिक सहायक ने 2009 में खरीदा था मकान

पूर्व न्यायिक सहायक रमेश चंद वर्मा के मुताबिक, उन्होंने वर्ष 2009 में गांधी कालोनी के वर्मा पार्क क्षेत्र में एक मकान खरीदा था। एक अधिवक्ता और उसकी पत्नी ने उस मकान से उन्हें धोखे से बाहर निकाल दिया। जिसका सिविल कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। इस दौरान जब वे परिवार के साथ मकान में जाते हैं तो तो आरोपी अधिवक्ता उन्हें जान से मारने की धमकी देता हैं।

राष्ट्रपति से की इच्छा मृत्यु की मांग

जानकारी के मुताबिक, पीड़ित रमेश चंद वर्मा, उसकी पत्नी और पुत्रों ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि वह इस जिंदगी से परेशान हो गए हैं। पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ धिकारियों से कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन, कोई सुनवाई नहीं की गई। जिसके बाद पीड़ित परिवार ने अब राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगी है। रमेश चंद्र वर्मा का कहना है कि उसका मकान कब्जा कर कानूनी प्रक्रिया में उलझाया जा रहा है। आरोपी अधिवक्ता अपनी वकालत का रोब दिखा रहा हैं। जिससे पीड़ित और उसके परिवार की जान को खतरा है। वहीं पीड़ित का एक बेटा दिव्यांग है, जिसकी जान को भी खतरा है।