Muslim Reservation in India : बढ़ती मुस्लिम आबादी का पहला प्रभाव SC, ST और OBC आरक्षण पर पड़ेगा,जवाब दे विपक्ष-सुधांशु त्रिवेदी

भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने देश में तेजी से बढ़ती मुस्लिम आबादी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन के दलों को यह बताना चाहिए कि जब वह आबादी के आधार पर आरक्षण देने की बात करते हैं तो आखिर किसका हिस्सा काटकर मुसलमानों को आरक्षण देंगे।

Muslim Reservation in India : बढ़ती मुस्लिम आबादी का पहला प्रभाव SC, ST और OBC आरक्षण पर पड़ेगा,जवाब दे विपक्ष-सुधांशु त्रिवेदी

Muslim Reservation in India : भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने देश में तेजी से बढ़ती मुस्लिम आबादी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन के दलों को यह बताना चाहिए कि जब वह आबादी के आधार पर आरक्षण देने की बात करते हैं तो आखिर किसका हिस्सा काटकर मुसलमानों को आरक्षण (Muslim Reservation in India) देंगे। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल साफ है कि मुस्लिमों की बढ़ती आबादी का पहला प्रभाव एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण (SC ST OBC Reservation in India) पर पड़ने जा रहा है और ये दल इन्हीं लोगों से आरक्षण छीन कर मुसलमानों को देना चाहते हैं।

भारत में मुस्लिम आबादी तीन तरीकों से बढ़ रही है

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि देश में एससी, एसटी, ओबीसी और अन्य समुदाय की आबादी तो जन्म के आधार पर बढ़ रही है, लेकिन देश में मुस्लिम आबादी तीन तरीकों से बढ़ रही है- पहला जन्म के आधार पर, दूसरा धर्मांतरण के आधार पर और तीसरा घुसपैठ के आधार पर और इन तीनों ही मामले में इंडी गठबंधन के दल इन्हें सेक्युलर कवर और समर्थन देते हैं।

विपक्ष बौखलाया हुआ उसके पास कोई मुद्दा नहीं है

प्रियंका गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मुसलमानों को आरक्षण देने का मुद्दा कांग्रेस, लालू यादव और इंडी गठबंधन के अन्य दलों ने उठाया था, भाजपा ने नहीं। शशि थरूर के लेख और पाकिस्तानी नेताओं के बयान सहित देश के अंदर इंडी गठबंधन के कई नेताओं के बयान का हवाला देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है और वह बौखलाया हुआ है। प्रियंका गांधी को आईने की बजाय चेहरे की धूल साफ करनी चाहिए।

आंकड़े सबके सामने हैं इस पर तर्क की गुंजाइश नहीं

आंकड़ों पर उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह आंकड़े आए नहीं हैं। यह वैसा सच है जो सबको पता है और पिछले एक दशक से सबको पता है। उन्होंने कहा कि देश के 9 राज्यों और कई दर्जन जिलों में हिंदू समुदाय अब अल्पसंख्यक हो गया है, जबकि मुसलमानों की जनसंख्या तेजी से बढ़ी है। एआईएमआईएम मुखिया (AIMIM Chief) असदुद्दीन ओवैसी द्वारा मुस्लिम समुदाय की फर्टिलिटी रेट कम होने के बयान को खारिज करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि आंकड़े सबके सामने हैं और आंकड़ों में तर्क की गुंजाइश नहीं रहती। देश में कोई जिला या राज्य ऐसा नहीं है जहां मुस्लिमों की आबादी घटी हो। मुस्लिम आबादी जन्म के साथ-साथ धर्मांतरण और घुसपैठ के कारण भी बढ़ रही है।

नसंख्या निंयत्रण कानून पर राजनीति नहीं होनी चाहिए

जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law in India) को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग जनसंख्या के विस्फोट में अपनी तात्कालिक राजनीति की संभावनाएं देखते हैं, भले ही दीर्घकालिक भविष्य में देश का कुछ भी हो तब तक इस गंभीर विषय पर सभी दलों में आम सहमति बन पाना एक चुनौती रहेगी। यह एक ऐसा विषय है जिसमें देश के जन-जन को और सभी राजनीतिक दलों को दलगत भावना से ऊपर उठकर एक विचार बनाना चाहिए।

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दरअसल, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा जारी किए एक अध्ययन रिपोर्ट में यह बताया गया है कि भारत में वर्ष 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.82 प्रतिशत कम हो गई है। जबकि इन्ही वर्षों के दौरान देश में मुस्लिमों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 1951 में हुई जनगणना के अनुसार, भारत में हिंदुओं की आबादी 84.68 प्रतिशत थी जो वर्ष 2015 में घटकर 78.06 प्रतिशत पर आ गई। यानी इस दौरान देश में हिंदुओं की आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। जबकि 1951 की जनगणना के अनुसार,देश में मुस्लिम आबादी 9.84 प्रतिशत थी जो 2015 में बढ़कर 14.09 प्रतिशत हो गई है, यानी 1950 से 2015 के बीच देश में मुस्लिमों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हुई है।