Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष पर साधा निशाना, कहा- संविधान पर हमला स्वीकार नहीं
प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कैबिनेट मंत्रियों और विपक्षी सदस्यों को शपथ दिलाई। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि संविधान पर हमला स्वीकार नहीं है।
Rahul Gandhi: नई सरकार के गठन के बाद लोकसभा का 18वां सत्र (18th Lok Sabha session begins) आज से शुरू हो गया है। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब (Protem Speaker Bhartrihari Mahtab) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) सहित कैबिनेट मंत्रियों और विपक्षी सदस्यों को शपथ दिलाई। इस दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि संविधान पर हमला स्वीकार नहीं है।
संविधान पर आक्रमण हमें स्वीकार्य नहीं- राहुल गांधी
इस दौरान एक खास बात ने सभी का ध्यान खींचा। विपक्ष के सभी सांसदों ने संविधान की पुस्तक हाथ में लेकर शपथ ली, जबकि सत्ता पक्ष के किसी भी सांसद ने ऐसा नहीं किया। जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) से पत्रकारों ने इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह को आड़े हाथों लेते हुए इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह (Amit Shah) जिस तरह से संविधान पर आक्रमण कर रहे हैं, वो हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है, इसलिए हमने शपथ लेते हुए संविधान पकड़ा हुआ है।
कोई भी शक्ति भारत के संविधान को छू नहीं सकती- राहुल गांधी
जब राहुल गांधी से पूछा गया कि क्या ऐसा कर आप कोई संदेश देना चाह रहे हैं तो इस पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल संदेश है। मैं एक बात आपसे कह दूं कि कोई भी शक्ति भारत के संविधान को छू नहीं सकती। हमारे लिए भारत का संविधान ही सब कुछ है और जो कोई भी इस पर आक्रमण करेगा, हम उसे छोड़ेंगे नहीं। इस दौरान राहुल ने पत्रकारों को संविधान की पुस्तक भी दिखाई और कहा कि देखिए यह हमारे लिए सब कुछ है। इस बीच, राहुल गांधी से बीजेपी द्वारा 25 जून को 'काला दिवस' मनाए जाने पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कोई भी जवाब नहीं दिया।
25 जून 1975 को देश में लगा था आपातकाल
बता दें कि 25 जून, 1975 को देश में आपातकाल लगाया गया था। आपातकाल के दौरान अनेकों लोगों को जेल में डाल दिया गया था। यही नहीं, उस दौरान मीडिया पर भी कुठाराघात किया गया। कई पत्रकारों को भी सलाखों के पीछे भेज दिया गया था। तब से लेकर अब तक 25 जून को बीजेपी 'काला दिवस' के रूप में मनाती है।
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