Mayawati In Meerut: मेरठ में मायावती ने चुनावी जनसभा में विपक्ष पर साधा निशाना,कहा- सरकार ने अपने दावों को पूरा नहीं किया
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज मेरठ में चुनावी जनसभा को संबोधित किया है। मेरठ के अलीपुर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि बसपा की सरकार बनी तो वेस्ट यूपी को अलग राज्य बनांएगे। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरठ में हाईकोर्ट बेंच लाने का पूरा प्रयास करेंगे।
Mayawati In Meerut: बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने आज मेरठ में चुनावी जनसभा को संबोधित किया है। यहां से उन्होंने एक बड़ा ऐलान किया है। मेरठ के अलीपुर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि बसपा की सरकार बनी तो वेस्ट यूपी को अलग राज्य बनांएगे। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरठ में हाईकोर्ट बेंच लाने का पूरा प्रयास करेंगे। बता दें कि मायावती आज बसपा प्रत्याशी देवव्रत त्यागी (BSP candidate Devvrat Tyagi) के लिए जनसभा करने पहुंची हैं। यहां रैली में हाजी याकूब कुरैशी व प्रत्याशी देवव्रत त्यागी भी पहुंच चुके हैं। उनकी रैली के लिए सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई।
मायावती ने विपक्ष पर साधा निशाना
मायावती इस दौरान विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी नहीं हुई और इस सरकार के झूठ और जुमलेबाजी के प्रलोभन भरे, हवाई दावे में जनता नहीं आई तो सरकार बसपा की बनेगी। कहा कि अभी तक इस सरकार ने अपने दावों को पूरा नहीं किया है। इस सरकार ने केवल पूंजीपतियों और धन्नासेठों को ही मालामाल बनाया है। मायावती ने कहा कि एनडीए की हालत बहुत अच्छी नहीं हैं। इस देश में मुस्लिम और अन्य धर्म के लोगों की हालत काफी खराब है।
बसपा ने सपा पर भी कसा तंज
वहीं मायावती ने सपा पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि सपा दलितों, शोषितों का क्या भला कर सकती हैं, संतों, महापुरुषों के नाम पर जो हमने जो जिले बनाए, जिन संस्थानों के नाम हमने संतों, महापुरुषों के नाम पर रखे उनके नामों को बदलने का सबसे ज्यादा काम सपा की सरकार ने ही किया। आगे उन्होंने कहा कि आज गरीब लोगों की हालत देश में अच्छी नहीं है। भाजपा सरकार की गलत कृषि नीतियों के कारण किसानों का इस्तेमाल केवल वोट लेने के लिए किया गया है।
रैली में खाली पड़ी रही कुर्सियां
लोकसभा चुनाव में मायावती की मेरठ में यह पहली रैली थी। इसके बावजूद भी रैली में भीड़ नजर नहीं आई। रैली में कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। देखा जाये तो बहनजी को सुनने जो जनता आती थी इस बार उसका प्रभाव नजर नहीं आया। राजनीति गलियारों में तो चर्चा यह भी है कि जनसभा में हाजी याकूब कुरैशी, शमशुददीन राइन, मुनकाद अली बड़े मुस्लिम नेताओ के होने के बावजूद भी मुसलमानो की भीड़ नहीं थी।