Lok Sabha election campaign 2024 : यूपी में लोकसभा चुनाव प्रचार में हावी रहे मंगलसूत्र, संविधान और आरक्षण के मुद्दे

लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार खत्म हो चुका है। अब सातवें और आखिरी चरण में 1 जून को मतदान है। इसके बाद 4 जून को नतीजों की घोषणा की जाएगी। इस बार सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे को घेरने के लिए नए-नए चुनावी मुद्दों को लाने का प्रयास किया।

Lok Sabha election campaign 2024 : यूपी में लोकसभा चुनाव प्रचार में हावी रहे मंगलसूत्र, संविधान और आरक्षण के मुद्दे

Lok Sabha election campaign 2024 : लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार खत्म हो चुका है। अब सातवें और आखिरी चरण में 1 जून को मतदान है। इसके बाद 4 जून को नतीजों की घोषणा की जाएगी। इस बार सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे को घेरने के लिए नए-नए चुनावी मुद्दों को लाने का प्रयास किया। चुनावी मंचों में मंगलसूत्र, संविधान, आरक्षण, राम मंदिर, पाकिस्तान जैसे मुद्दे खूब हावी रहे। सात चरणों वाले लंबे-चौड़े चुनावी प्रचार में सभी दलों के दिग्गजों ने यूपी में खूब जोर लगाया। यहां पर सबसे ज्यादा 80 सीटें हैं।

पक्ष और विपक्ष ने नए-नए मुद्दों एक-दूसरे को घेरा

राजनीतिक जानकार बताते हैं कि राम मंदिर के उद्घाटन के साथ ही भाजपा ने अपने चुनावी प्रचार को धार देना शुरू कर दिया था। भाजपा ने उद्घाटन कार्यक्रम में विपक्ष के नहीं शामिल होने को मुद्दा बनाया। इस मुद्दे पर विपक्ष के कई बड़े नेता अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इस बात को भी रैलियों में खूब उठाया गया। भाजपा की तरफ से चुनाव अभियान में 'मोदी की गारंटी' को प्रमुखता से उठाया गया। इसी कारण यह घोषणा पत्र का हिस्सा भी बना। इसके अलावा 'अबकी बार, 400 पार' का नारा भी भाजपा की रैलियों में खूब गूंजा।

भाजपा की रैलियों में 400 पार' का नारा खूब गूंजा

भाजपा की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन मुद्दों को मंचों से खूब उठाया। भाजपा ने कांग्रेस के घोषणापत्र की तुलना मुस्लिम लीग से कर दी। इसके बाद सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स के बयान भी खूब उठाए गए। भाजपा नेताओं ने मंगलसूत्र, राम मंदिर, पाकिस्तान जैसे मुद्दों से विपक्ष को घेरने की कोशिश की।

"संविधान बदलकर दलित, आदिवासियों का आरक्षण खत्म करना चाहती है भाजपा"

विपक्ष के नेताओं ने कहना शुरू किया कि भाजपा 400 पार की बात इसलिए कर रही है क्योंकि वह संविधान बदलकर दलित, आदिवासियों का आरक्षण खत्म करना चाहती है।राहुल गांधी अपने भाषण में बेरोजगारी, संविधान बदलने, 'इंडिया' गठबंधन की सरकार बनने पर गरीबों के खाते में 'खटाखट-खटाखट' पैसे भेजने जैसे मुद्दों को खूब उठाया। कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी वाड्रा ने बेरोजगारी और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने जैसे बयान पर ज्यादा जोर दिया।

'खटाखट-खटाखट' वाले बयान चर्चा में रहा

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संविधान बदलने और 'इंडिया' गठबंधन की सरकार बनने में 30 लाख रोजगार पर जोर दिया। 'खटाखट-खटाखट' जैसे चर्चित शब्द को हर किसी ने तुरंत पसंद कर लिया। विपक्ष के कई और लोगों ने भी भाजपा पर वार करने के लिए इसका इस्तेमाल किया।

सपा ने पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक को ध्यान में रखते हुए उतारे उम्मीदवार

विपक्ष ने बेरोजगारी, महंगाई, अग्निवीर और संविधान बदलने वाले बयान पर ही ज्यादा फोकस रखा। सपा ने पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) की चुनावी बिसात पर उम्मीदवार उतारे। इसके साथ ही संविधान के खतरे, बेरोजगारी, अग्निवीर, इलेक्टोरल बांड, महंगाई, भ्रष्टाचार, वैक्सीन जैसे मुद्दे उठाकर भाजपा को घेरने की कोशिश की। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा के '400 पार' वाले नारे पर हमला किया। उन्होंने भी संविधान बदलने, बेरोजगारी और महंगाई को लेकर सवाल पूछे। इसके साथ ही फ्री राशन को लेकर भी भाजपा सरकार पर निशाने साधे।