Next CM of Mizoram: इंदिरा गांधी के सुरक्षा अधिकारी रहे लालदुहोमा हो सकते हैं मिजोरम के अगले सीएम

आईपीएस अधिकारी से नेता बने लालदुहोमा की पार्टी ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा में 27 सीटें जीतने के बाद उनका राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है।

Next CM of Mizoram: इंदिरा गांधी के सुरक्षा अधिकारी रहे लालदुहोमा हो सकते हैं मिजोरम के अगले सीएम

Next CM of Mizoram: आईपीएस अधिकारी से नेता बने लालदुहोमा की पार्टी ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा (Mizoram Assembly Election Result) में 27 सीटें जीतने के बाद उनका (Lalduhoma) राज्य का अगला (Next CM of Mizoram) मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है।जेडपीएम के अध्यक्ष और पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा ने बहुकोणीय मुकाबले में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एमएनएफ के जे. माल्सावमजुआला वानचावंग को 2,983 मतों के अंतर से हराकर अपनी सेरछिप सीट बरकरार रखी, जबकि पार्टी के अधिकांश प्रमुख उम्मीदवार अपनी-अपनी सीटों पर जीत चुके हैं या आगे चल रहे हैं।

इंदिरा गांधी के पूर्व सुरक्षा अधिकारी रहे हैं लालदुहोमा

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former Prime Minister Indira Gandhi) के पूर्व सुरक्षा अधिकारी (Chairman of ZPM) रहे 73 वर्षीय लालदुहोमा, जिन्होंने 8,314 वोट हासिल किए, लगातार दूसरी बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। जीत के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि वह मंगलवार या बुधवार को राज्यपाल (Mizoram Governor) हरि बाबू कंभमपति से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। उन्होंने कहा, “सभी भ्रष्टाचार के मामलों (एमएनएफ शासन के दौरान) की जांच सीबीआई और अन्य एजेंसियों द्वारा की जाएगी। हम सभी क्षेत्रों में पारदर्शिता बनाए रखते हुए मिजोरम में शासन की एक नई प्रणाली पेश करेंगे।”

1972 में असम से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बना मिजोरम

मिजोरम को 1972 में असम से अलग (Mizoram separated from Assam) कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। वर्षों के विद्रोह के बाद 20 फरवरी 1987 को यह 23वां (23rd state of India) राज्य बन गया। राज्य का दर्जा प्राप्त करने के बाद से मिजोरम ने केवल कांग्रेस और मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के बीच द्विध्रुवीय राजनीति देखी है, जिसका नेतृत्व पहले लालडेंगा और फिर निवर्तमान मुख्यमंत्री (Chief Minister of Mizoram) ज़ोरमथांगा ने किया। कांग्रेस के दिग्गज ललथनवाला और एमएनएफ सुप्रीमो ज़ोरमथांगा ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए ज्यादातर समय यहाँ शासन किया।

जेडपीएम के उम्मीदवारों को 2018 में निर्दलीय के रूप में लड़ना पड़ा

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले और बाद में, लालदुहोमा के नेतृत्व वाली जेडपीएम एमएनएफ और कांग्रेस दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई। भारतीय चुनाव आयोग के पास पार्टी के पंजीकृत नहीं होने के कारण जेडपीएम के उम्मीदवारों को 2018 में निर्दलीय के रूप में लड़ना पड़ा। विधानसभा चुनाव से पहले ही लालदुहोमा ने आईएएनएस से कहा था, “मेरी पार्टी (जेडपीएम) 7 नवंबर के विधानसभा चुनाव में भारी जीत हासिल करेगी और हम मिजोरम में अगली सरकार बनाएंगे।

1982 एशियाई खेलों की आयोजन समिति में एक महत्वपूर्ण पद पर रहे लालदुहोमा

पूर्व आईपीएस अधिकारी (Former IPS officer Lalduhoma) ने दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के सुरक्षा प्रभारी (Lalduhoma) के रूप में कार्य किया और 1982 एशियाई खेलों की आयोजन समिति में एक महत्वपूर्ण पद पर रहे। गांधी परिवार के साथ निकटता के कारण 1984 में सेवा छोड़कर वह कांग्रेस में शामिल हो गए। एमएनएफ संगठन (MNF Organization) को मुख्यधारा में लाने और मिजोरम में शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लालदुहोमा ने कहा, “इंदिरा गांधी ने मुझे लालडेंगा के नेतृत्व वाले मिज़ो नेशनल फ्रंट (Mizo National Front) के नेतृत्व वाले विद्रोह को हल करने का काम सौंपा था। मेरी मुलाकात लालडेंगा से लंदन में हुई जहां वह स्व-निर्वासन में थे। मैंने उन्हें उग्रवाद को खत्म करने के लिए आगे आने के लिए राजी किया।''

राजीव गांधी की पहल पर जून 1986 में मिज़ो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए

लालदुहोमा के प्रयासों के कारण और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी (Former Prime Minister Rajiv Gandhi) की पहल पर जून 1986 में मिज़ो शांति समझौते (mizo peace accord) पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे मिज़ोरम में दो दशकों के संघर्ष और विद्रोह का अंत हुआ।लालदुहोमा कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मिजोरम की एकमात्र लोकसभा सीट से लोकसभा के लिए चुने गए, लेकिन 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कुछ आंतरिक परेशानियों के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दी और 1988 में दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिए गए।

1997 में ज़ोरम नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना

उन्होंने 1997 में ज़ोरम नेशनलिस्ट पार्टी (Nationalist Party) की स्थापना की, और 2003 में वह रातू से मिजोरम विधानसभा के लिए चुने गए। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले 2018 में जेडएनएम ने छह स्थानीय पार्टियों के साथ मिलकर जेडपीएम का गठन किया, एक गठबंधन समूह जिसने उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया। पिछले कुछ वर्षों के दौरान, जेडपीएम ने कई स्थानीय चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया है और मिजोरम में पारंपरिक रूप से दोहरे दल की चुनावी लड़ाई में एक चुनौतीपूर्ण तीसरे मोर्चे के रूप में उभरा है। जेडपीएम सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेस और एमएनएफ मिजोरम में लगभग चार दशकों से सत्ता में हैं, लेकिन उन्होंने मिजो लोगों और राज्य के लिए कुछ नहीं किया है।