Indian Judicial Code: भारतीय न्याय संहिता 26 जनवरी से पहले होगी लागू, 82 हजार कैदी होंगे रिहा
भारतीय न्याय संहिता की अधिसूचना जारी होने के साथ ही कम गंभीर अपराधों के लिए मिली सजा के चलते जेल में बंद करीब 82 हजार कैदियों की रिहाई प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।
Indian Judicial Code: संसद के शीतकालीन सत्र (winter session of parliament) में तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को पारित कर दिया। इस कानूनों को 25 दिसंबर को राष्ट्रपति से मंजूरी भी मिल गई है... जिसके बाद अब ये तीनों अधिनियम कानून बन चुके हैं। अब इंडियन पीनल कोड की जगह बनाई गई भारतीय न्याय संहिता को गणतंत्र दिवस (Republic Day) यानी 26 जनवरी से पहले लागू करने की तैयारी की जा रही है।
भारतीय न्याय संहिता (Indian Judicial Code) की अधिसूचना जारी होने के साथ ही कम गंभीर अपराधों के लिए मिली सजा के चलते जेल में बंद करीब 82 हजार कैदियों की रिहाई प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। इन कैदियों के होली से पहले जेल से बाहर आने की संभावना जताई जा रही है।
जमानत के पैसों की सरकार करेगी व्यवस्था
गृह मंत्रालय (home Ministry) के आलाधिकारी का कहना है कि अंडर ट्रायल कैदियों की रिहाई प्रक्रिया शुरू करने के लिए ट्रेनर जेल अधिकारियों, पुलिस बल और वकीलों को ट्रेनिंग देंगे। करीब तीन हजार ट्रेनरों की ट्रेनिंग हो चुकी है। अब ये प्रशिक्षण प्राप्त लोग बाकी लोगों को नए कानून के हिसाब से ट्रेंड करेंगे। जानकारी के मुताबिक, जेल में बंद जिन कैदियों के पास जमानत कराने के पैसे नहीं होंगे, उनके लिए सरकार ने विशेष फंड की व्यवस्था की है। केंद्र और राज्य सरकार ऐसे कैदियों की जमानत राशि जमा कराएंगी।
सजा से ज्यादा जेल में बंद हैं कैदी
गृह मंत्रालय के मुताबिक, देश की जेलों में करीब साढ़े पांच लाख कैदी बंद हैं। कैदियों की कुल संख्या में करीब आधे गैर संगीन अपराधों के कैदी हैं। गैर संगीन अपराध के अंडर ट्रायल वालों की संख्या भी 2 लाख है। इनमें ज्यादातर कैदी अधिकतम सजा से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं।
पेशी और जमानत के लिए ऑनलाइन होगी सुनवाई
जेलों में बंद अंडर ट्रायल कैदियों को जमानत और रिहाई के लिए खुद अदालत नहीं जाना पड़ेगा। वे जेल से ही ऑनलाइन अदालत से पेश हो सकेंगे और जमानत मिलते ही रिहा कर दिए जाएंगे। बता दें कि अभी तक जमानत के लिए पेशी और जमानत न मिलने पर फिर जेल ले जाने की प्रक्रिया में दिनभर पुलिस जवान लगे रहते थे। अब पुलिस बल को दूसरे काम करने का समय मिल सकेगा।