Premodaya Khakhay: नाबालिग रेप केस में निलंबित अधिकारी और पत्नी को जमानत देने से हाईकोर्ट ने किया इनकार
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को बलात्कार के एक मामले में दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा और उसकी पत्नी को डिफ़ॉल्ट जमानत देने से इनकार कर दिया।
Premodaya Khakhay: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने सोमवार को बलात्कार के एक मामले में दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा (Premodaya Khakha) और उसकी पत्नी को डिफ़ॉल्ट जमानत देने से इनकार कर दिया। आरोप है कि खाखा ने 16 वर्षीय लड़की से कई बार बलात्कार किया था और उसकी पत्नी ने उसे गर्भपात के लिए दवा दी थी। खाखा ने निचली अदालत के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें वैधानिक जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। आरोपी ने तर्क दिया था कि उसके खिलाफ दायर आरोप पत्र अधूरी जांच पर आधारित था।
न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने खारिज की याचिका
उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने जमानत याचिका खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश की पुष्टि की और कहा कि फैसले में कोई खामी नहीं है।अदालत ने कहा कि निर्धारित समय सीमा के भीतर आरोप पत्र दायर करने से पहले पुलिस द्वारा पर्याप्त जांच की गई थी।अदालत ने टिप्पणी की, "चार्जशीट 11 अक्टूबर 2023 को दायर की गई थी और ट्रायल कोर्ट ने 8 नवंबर, 2023 को संज्ञान लिया था। निस्संदेह, पर्याप्त जांच पूरी हो चुकी है।"ट्रायल कोर्ट ने पिछले साल कहा था कि आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सामग्री थी।तीस हजारी अदालत की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (पोक्सो) ऋचा परिहार ने पुलिस को आरोपियों को आरोप पत्र की प्रतियां उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।खाखा और उनकी पत्नी सीमा रानी दोनों न्यायिक हिरासत में हैं।
पत्नी के साथ मिलकर की दोस्त की बेटी का बलात्कार
दिल्ली पुलिस ने अगस्त 2023 में दंपति से उनके आवास पर कई घंटों तक पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में उप निदेशक 51 वर्षीय खाखा को पद से निलंबित कर दिया गया था। दंपति बुराड़ी इलाके के शक्ति एन्क्लेव का रहने वाला है।इससे पहने पीड़िता ने शहर के एक अस्पताल में मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज अपने बयान में कहा था कि आरोपी ने कथित तौर पर 2020 और 2021 के बीच पीड़िता के साथ बार-बार बलात्कार किया।एक पुलिस सूत्र ने कहा था कि आरोपी अपने दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ महीनों तक बलात्कार करता रहा। इस दौरान उसकी पत्नी ने भी कथित तौर पर उसकी मदद की।
पुलिस सूत्र ने कहा, "चूंकि उसकी पत्नी ने भी इस कृत्य में उसका साथ दिया और पुलिस को मामले की सूचना नहीं दी, इसलिए हमने उसकी पत्नी के खिलाफ एफआईआर में धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) जोड़ दी है।
"सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जब पीड़िता गर्भवती हो गई, तो उसे आरोपी द्वारा गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई। जब आरोपी ने यह बात अपनी पत्नी को बताई, तो पीड़िता की मदद करने की बजाय, महिला ने अपने बेटे को गर्भपात की गोलियाँ खरीदने के लिए भेजा, जिसे उसने पीड़िता को दी।''आरोपियों के खिलाफ पोक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।