Guest House Scandal: मायावती को याद आया गेस्ट हाउस कांड, सरकार से की बसपा कार्यालय को सेफ जगह शिफ्ट कराने की मांग
बसपा प्रमुख मायावती (BSP chief Mayawati) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक के बाद एक लगातार कई पोस्ट किये। मायावती ने अपनी पोस्ट के जरिए सपा पर जमकर निशाना साधा है।
Guest House Scandal: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सियासी गलियारों में एक बार फिर उथल पुथल शुरू हो गई है। बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड (guest house scandal) को याद करते हुए समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है। इसके साथ ही बसपा प्रमुख ने गुंडों से खतरा बताते हुए बीजेपी सरकार (BJP government) से पार्टी कार्यालय को किसी सेफ जगह पर शिफ्ट कराने की अपील की है।
मायावती ने अराजक तत्वों से बताया खतरा
बसपा प्रमुख मायावती (BSP chief Mayawati) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक के बाद एक लगातार कई पोस्ट किये। मायावती ने अपनी पोस्ट के जरिए सपा पर जमकर निशाना साधा है। मायावती ने पोस्ट में लिखा- सपा अति पिछड़ों के साथ-साथ दलित विरोधी है। चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा फिर से अपने दलित विरोधी जातिवादी एजेंडे (anti-dalit casteist agenda) पर आ गई। उन्होंने अपनी पोस्ट में गेस्ट हाउस कांड (guest house scandal) का जिक्र किया। मायावती ने कहा कि सपा के 2 जून 1995 के घिनौने कृत्यों को कोई भूला नहीं है। इनकी सरकार ने कई दलित विरोधी फैसले लिए गए। बसपा सुप्रीमो ने आगे लिखा कि उनकी सरकारों में बसपा के स्टेट ऑफिस के पास ऊंचा पुल बनाया गया। जहां से अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों और राष्ट्रीय प्रमुख को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसी वजह से पार्टी के महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहां से हटाकर निवास पर शिफ्ट करना पड़ा। इसके साथ ही मायावती ने कहा कि सिर्फ यही नहीं, सुरक्षा के चलते ही वह ज्यादातर पार्टी की बैठक अपने आवास पर करती हैं। मायावती ने अपनी पोस्ट के जरिए मौजूदा यूपी सरकार से बसपा के प्रदेश कार्यालय को दूसरे सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने की मांग की।
लगातार एक-दूसरे पर हमलावर हैं सपा-बसपा
दरअसल, बीते कई दिनों से सपा और बसपा लगातार एक-दूसरे पर हमलावर है। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में बसपा को शामिल करने के सवाल पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बलिया में कहा था कि- चुनाव बाद की गारंटी कौन लेगा? यानी चुनाव के बाद मायावती किस पार्टी के साथ चली जाएं, इसकी गारंटी कौन लेगा। अखिलेश की इस बात ने कहीं ना कहीं पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिये हैं। जो बसपा सुप्रीमो मायावती को इतनी चुभ गई कि उन्हें 1993 में सपा के साथ गठबंधन याद आ गया। जिसके बाद 2 जून 1995 को सपा सरकार के कार्यकाल में लखनऊ स्टेट गेस्ट हाउस कांड हुआ था, जिसमें एक 'दलित की बेटी' पर हमला हुआ था।
मायावती को क्यों याद आया गेस्ट हाउस कांड?
स्टेट गेस्ट हाउस की घटना 2 जून 1995 की है। जब प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन (SP-BSP alliance) की सरकार थी। राजधानी लखनऊ में बसपा, सपा के साथ गठबंधन तोड़ने के लिए स्टेट गेस्ट हाउस में बैठक कर रही थी। इस दौरान सपा के विधायकों और समर्थकों ने गेस्ट हाउस पर धावा बोल दिया। उन्होंने बसपा विधायकों के साथ मारपीट की और उन्हें उठाकर गाड़ियों में भरने लगे। साथ ही मायावती के साथ बदसलूकी की। मायावती को कई घंटों तक एक कमरे में बंद रखा। साथ ही उनके कमरे में तोड़फोड़ की गई, जातिसूचक और अश्लील अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया। घटना की जानकारी मिलते ही बीजेपी विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी (BJP MLA Brahmadutt Dwivedi) गेस्ट हाउस पहुंचे। जिसके बाद तत्कालीन राज्यपाल मोतीलाल वोरा (The then Governor Motilal Vora)ने मुलायम सिंह सरकार को बर्खास्त कर दिया और मायावती और बसपा विधायकों को बचाने के लिए पुलिस बल भेजा गया। वहीं इस घटना के बाद मायावती ने बीजेपी के समर्थन से यूपी में सरकार बनाई।