Gita in Gujarat School: गुजरात के स्कूली पाठ्यक्रम में 'भगवद गीता' शामिल
गुजरात के शिक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस कदम से, छात्रों में गर्व की भावना विकसित होगी और भारत की समृद्ध, प्राचीन संस्कृति और ज्ञान परंपराओं के साथ एक मजबूत संबंध विकसित होगा।
Gita in Gujarat School: गुजरात सरकार ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में 'भगवद गीता' पर एक पाठ्यपुस्तक लॉन्च की है। इस पाठ्यपुस्तक को अगले शैक्षणिक वर्ष से कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने दिया बयान
गुजरात के शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल्ल पंशेरिया (Gujarat Minister of State for Education Prafulla Pansheriya) ने शुक्रवार 22 दिसंबर को कहा कि यह निर्णय तीन साल पहले केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है। पंशेरिया ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि राज्य शिक्षा विभाग ने कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में 'श्रीमद भगवद गीता' के आध्यात्मिक सिद्धांतों और मूल्यों को एक पूरक पाठ्यपुस्तक के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया है।
नैतिक मूल्य होंगे स्थापित
इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल (Chief Minister Bhupendra Patel) का आभार व्यक्त करते हुए, गुजरात के शिक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस कदम से, छात्रों में गर्व की भावना विकसित होगी और भारत की समृद्ध, प्राचीन संस्कृति और ज्ञान परंपराओं के साथ एक मजबूत संबंध विकसित होगा। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि धर्मग्रंथ पर आधारित पूरक पाठ्यपुस्तक छात्रों में नैतिक मूल्य स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि यह पाठ्यपुस्तक, जिसका पहला भाग कक्षा 6 से 8 तक के लिए है, जल्द ही देश भर के स्कूलों में वितरित की जाएगी। कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए दो अतिरिक्त भागों पर भी काम चल रहा है।
2022 में लिया गया था निर्णय
पंशेरिया ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जी के मार्गदर्शन में 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020' (National Education Policy 2020) के तहत लिया गया यह निर्णय छात्रों में मूल्यों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बता दें कि मार्च 2022 में, गुजरात सरकार ने राज्य विधानसभा में घोषणा की थी कि भगवद गीता पूरे राज्य में कक्षा 6 से 12 तक के स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगी।