Fatehpur Snake Bite Case: विकास दुबे को आखिर क्यों सांप ने 7 बार काटा, सामने आया पूरा सच !

विकास दुबे, ये नाम एक बार फिर चर्चा में है। जिन्हें 40 दिन  में 7 बार सांप ने काटा है। अब तक विकास के बारे में आपने सुन ही लिया होगा। ये भी जानते होंगे कि उनके मामले का खुलासा करने के लिए एक टीम का गठन किया गया था।  और इस टीम ने जो खुलासा किया है वो काफी हैरान करने वाला है। 

Fatehpur Snake Bite Case: विकास दुबे को आखिर क्यों सांप ने 7 बार काटा, सामने आया पूरा सच !

Fatehpur Snake Bite Case:विकास दुबे(Vikas Dubey), ये नाम एक बार फिर चर्चा में है। लेकिन ये कानपुर वाले विकास की बात नहीं हो रही बल्कि चर्चा हो रही है फतेहपुर वाले विकास की। जिन्हे 40 दिन  में 7 बार सांप ने काटा है। अब तक विकास के बारे में आपने सुन ही लिया होगा। ये भी जानते होंगे कि उनके मामले का खुलासा करने के लिए एक टीम का गठन किया गया था।  और इस टीम ने जो खुलासा किया है वो काफी हैरान करने वाला है। 

40 दिनों में 7 बार सांप ने काटा 

विकास का ने सरकार से मदद की गुहार लगाई तो उनका मामला हाइलाइट हुआ। दरअसल फतेहपुर के सौरा गांव (Saura village of Fatehpur) में रहने वाले विकास दुबे ने दावा किया कि उन्हे 40 दिनों में सात बार सांप ने काटा है। साथ ही उन्होने कहा कि सांप ने उन्हे सपने में धमकी दी है कि मैं तुम्हें 9 बार काटूंगा. 8 बार तुम बच जाओगे। लेकिन 9वीं बार मैं तुम्हें साथ लेकर जाऊंगा। विकास का दावा था कि एक ही सांप उन्हे बार बार काट रहा है। कभी मौसी के घर पर तो कभी चाचा के घर पर।ये मामला काफी अजीब-ओ-गरीब था। स्थानीय लोगों के अलावा वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के बीच भी यह केस चर्चा में रहा।

निजी अस्पताल में चला इलाज 

विकास को जब भी सांप ने काटा उनका इलाज एक निजी अस्पताल में हुआ। वहां उन्हे एंटी-वेनम इंजेक्शन दिया जाता। साथ ही गंभीर देखभाल की जाती।. विकास के शरीर पर सांप काटने के निशान भी थे। मामले को देखते हुए डॉक्टर्स की टीम का गठन किया गया जिसने अब अपनी जांच पूरी कर ली है। स्वाथ्य विभाग की टीम ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपी है।

जांच रिपोर्ट का बड़ा खुलासा

विकास के मामले में जो रिपोर्ट आई उसे देखकर डॉक्टर्स हैरान हैं। रिपोर्ट का कहना है कि विकास को सांप ने सिर्फ एक ही बार काटा था। उसे इसी दौरान स्नेक फोबिया हो गया। यानी उसे सांपों से डर लगने लगा। विकास को सपना आया तो उसका डर और भी बढ़ गया। बीमारी के चलते उसे 7 बार लगा कि बार-बार सांप डस रहा है।इसके लिए वो अस्पताल भी जाता रहा. डॉक्टर भी इसका इलाज करते रहे।

CMO ने कहा- डॉक्टर्स की भी गलती 

किसी को वहम होना एक आम बात है लेकिन किसी उस पर किसी डॉक्टर का ऐसे ही दवा देते रहना बिल्कुल आम बात नहीं है। जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने का इस मामले पर कहना है कि उन डॉक्टरों की भी गलती है जिन्होंने बार-बार विकास का इलाज किया। अगर सही जांच करके उसे पहले ही बता दिया जाता कि उसे सांप ने नहीं डसा तो शायद वो डर में न रहता। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में इलाज करने वाले डॉ. जवाहरलाल का भी बयान भी दर्ज किया गया है, डॉ. ने इलाज में 4 बार एंटी वेनम की सामान्य डोज देने की बात कही है, लेकिन उन्हें सांप की प्रजाति नहीं है। नहज पीड़ित के कहने पर विकास का इलाज किया जाता रहा। 

स्नेक बाईट के 6 निशान, असली सिर्फ एक 

जैसा कि विकास ने 40 दिन में सात बार सांप काटने का दावा किया। हैरानी की बात ये है कि उसके शरीर पर 7 निशान भी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम का माने तो पांच दिनों की जांच में पता चला कि 7 निशानों में से 6 निशान स्नेक बाईट (snake bite) हैं ही नहीं। इनमें बस एक स्नेक बाइट है, जो पहली बार सांप के काटने पर विकास के शरीर पर बन गई। लेकिन बाकी  6 निशान संदिग्ध हैं। 

विकास के अलावा किसी ने नहीं देखा सांप 

डीएफओ रामानुज त्रिपाठी (DFO Ramanuj Tripathi) ने इस मामले में एक और बात कही जो ध्यान देने लायक है। डीएफओ का कहना है कि विकास दुबे के अलावा  किसी ने कभी भी सांप को नहीं देखा। जहां जहां सांप देखने की बात विकास ने कही वन विभाग को कहीं भी सांप नहीं दिखा। 

बहरहाल बताया जा रहा है कि विकास दुबे अपने परिवार के साथ पिछले तीन दिनों से  मेहंदीपुर बालाजी के दरबार में है।. परिवार का कहना है कि किसी तांत्रिक ने उन्हें सलाह दी है, साथ ही परिवार का कहना है कि कालसर्प दोष से मुक्ति दिलाने के लिए वे मेहंदीपुर बालाजी  में हैं। दूसरी ओर रिपोर्ट पेश करने के बाद टीम ने कहा है कि विकास को मनोचिकित्सक की जरूरत है। उन्हे बस सांपो का फोबिया हो गया है। उनके लौटने पर टीम उनसे औऱ उनके परिवार से बात करेगी।.