Chatori street of Benares: अब लखनऊ की तरह बनारस की चटोरी गली में मिलेगा पूरी काशी का स्वाद
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अपने खाने के लिए वर्लड वाइड फेमस है। यहां के खाने का नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है। ठीक वैसे ही बनारस में बनारसी टमाटर चाट के साथ पूड़ी-कचौड़ी, जलेबी, मलाइयों, ठंडाई, लौंगलता, पान का स्वाद एक जगह मिलने के लिए लखनऊ के चटोरी गली के तर्ज पर बनारस में बनाने की तैयारी की जा रही है।
Chatori street of Benares: बनारस अपने जायके के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां के जायके का स्वाद चखने हर कोनों से दुनियाभर से लोग आते हैं। यहां की पुड़ी कचौड़ी, पान, चाट, गोलगप्पे जलेबी, लस्सी के साथ बाटी चोखा का स्वाद भी लाजवाब है। काशी में आपको इन सभी व्यंजनों का लुफ्त आसानी से उठा सकते है। लेकिन कितना अच्छा हो जब आप इन सभी व्यंजनों का स्वाद एक ही गली में चख सकें। दरअसल पर्यटन विभाग एक नया प्लान तैयार कर रहा है। जहां लोगों को एक ही गली में सारें व्यंजन मिलेंगे। इस गली को वाराणसी में ‘चटोरी गली’ के नाम से जाना जाएगा। इसे काशी के ह्रदय स्थल कहे जाने वाले गोदौलिया इलाके के आस पास बनाया जाएगा।
राजधानी लखनऊ के तर्ज पर तैयार होगी चटोरी गली
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अपने खाने के लिए वर्लड वाइड फेमस है। यहां के खाने का नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है। ठीक वैसे ही बनारस में बनारसी टमाटर चाट के साथ पूड़ी-कचौड़ी, जलेबी, मलाइयों, ठंडाई, लौंगलता, पान का स्वाद एक जगह मिलने के लिए लखनऊ के चटोरी गली के तर्ज पर बनारस में बनाने की तैयारी की जा रही है। पर्यटन विभाग इसको लेकर गलियों की तलाश कर रहा है जहां इसे बनाया जा सकें। अधिकारियों ने बताया कि इस गली को शहर के सबसे व्यस्ततम इलाके गोदौलिया के क्षेत्र के आप पास बनाया जायेगा।
बनारस के मशहूर व्यंजन
यूं तो वाराणसी में खाने पीने के लिए काफी स्वादिष्ट व्यंजन मिलते है। यहां की पहलवान की लस्सी से लेकर बनारसी पान काफी मशहूर है। काशी में स्थित पहलवान की लस्सी की दुकान काफी पुरानी है। यह लंका क्षेत्र स्थित रविदास गेट के ठीक सामने मौजूद है। उनकी लस्सी में दही और मेवे के साथ - साथ प्यार भी मिलता है। इनकी लस्सी का स्वाद आम आदमी से लेकर राजनेता, और फिल्मों की बड़ी-बड़ी हस्तियां भ चख चुके है। अगर आप वाराणसी गए और आपने पहलवान की लस्सी नही पी तो आपकी यात्रा पूरी नही हुईं।
बनारसी चाट
काशी में लस्सी के साथ साथ आप चटपटी चाट का भी आनंद उठा सकते है। काशी विश्वनाथ मंदिर के पास ढूंढी राज गणेश की गली में बाबा विश्वनाथ चाट भंडार की मसहूर दुकान है। इस दुकान पर आपको चाट के ढेरों वैरायटी है और गोलगप्पे का लाजवाब जायका मिलेगा, जिसे खाने के बाद आपका पेट भले भर जायें पर मन नही भरेगा। इस दुकान की सबसे खास बात ये है कि यहां चाट हो या कोई भी दूसरे लजीज व्यंजन इनमें से किसी में भी लहसून और प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह दुकान दोपहर दो बजे से रात के 9 बजे तक खुली रहती है।
काशी की कचौड़ी
मीठी लस्सी और चटपटी चाट के बाद आप यहां गर्मा गर्म कचौडियों का लुफ्त भी उठा सकते है। वाराणसी के चौक क्षेत्र में गौरी शंकर कचौड़ी वाले कि फेमस दुकान है। यहां हर रोज गरमागरम हींग की कचौड़ी तैयार होती है। जिनकी खुशबू से वहां से निकलने वाले लोग वहां रुकने को मजबूर हो जाते है। यहां आपको गरमागरम कचौड़ी और चने के साथ खट्टी मिठी चटनी मिलगी जो आपको मंत्र मुग्ध कर देगी।
ठंड़ई
काशी को बाबा भोलेनाथ की नगरी कहा जाता है, यहां ठंड़ाई को लोग भांग के गोले के पीते है वो भी खासकर होली के मौके पर। अगर आप बनारस गयें है और आपने ठंड़ई नही पी तो आपने सब मिस कर दिया। बनारस में गोदौलिया चौराहे से सोनारपुरा रोड की तरफ जाते समय कई ठंडाई की दुकानें मिलेंगी। वहां पर स्थित बादल ठंडाई की दुकान सबसे फेमस है। यहां पर आपको ठंड़ई की कई वैरायटी मिल जायेंगी जिनमें दूध की सामान्य ठंडाई के अलावा मलाई, पिस्ता और बादाम वाली ठंडाई भी मिलेगी।
काशी आए हुए पर्यटकों को इन सभी स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद एक जगह ही मिल जाये इसके लिए पर्यटन विभाग ने यहां चटोरी गली बनाने दिशा – निर्देश दिया था। जिसकी जानकारी पर्यटन विभाग ने उपनिदेशक आर के रावत ने दी।