lateral entry: लेटरल एंट्री को लेकर केंद्र सरकार का यू-टर्न, यूपीएससी से भर्तियां वापस लेने को कहा
लेटरल एंट्री को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग को पत्र लिखा है।
lateral entry: लेटरल एंट्री (lateral entry) को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (Ministry of Personnel Public Grievances and Pensions) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग को पत्र लिखा है। मंत्री ने पत्र में संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) से लेटरल एंट्री के आधार पर निकाली गई भर्तियों को वापस लेने को कहा है।
केंद्र ने विज्ञापन वापस लेने का दिया आदेश
पत्र में कहा गया है कि लेटरल एंट्री के आधार पर निकाली गई भर्तियों में आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया है, जिसे ध्यान में रखते हुए इसे वापस लिया जाए। पत्र में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) उच्च पदों पर लेटरल एंट्री के लिए संविधान में निहित सामाजिक न्याय और आरक्षण पर जोर देना चाहते हैं। इसलिए इस विज्ञापन को वापस लिया जाय। केंद्र ने पत्र में सामाजिक न्याय के प्रति संवैधानिक जनादेश को बनाए रखने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। केंद्र ने कहा कि हाशिए पर मौजूद योग्य उम्मीदवारों को सरकारी सेवाओं में उनका उचित प्रतिनिधित्व मिले, इसकी जरूरत है।
UPSC ने जारी किया था भर्ती का विज्ञापन
उल्लेखनीय है कि 17 अगस्त को संघ लोक सेवा आयोग ने लेटरल एंट्री के आधार पर नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किए थे जिसका कांग्रेस सहित विपक्ष ने जमकर विरोध किया था। विपक्ष का कहना है कि इससे आरक्षण खत्म हो जाएगा और सामाजिक न्याय की बात अधूरी रह जाएगी।
राहुल गांधी ने लेटरल एंट्री का किया विरोध
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार (Central government) लेटरल एंट्री (lateral entry) के जरिए दलितों, आदिवासियों और पिछड़ा वर्ग से उनका आरक्षण छीनने की कोशिश कर रही है, जो कि स्वीकार्य नहीं है।