CM Yogi In Ayodhya: अयोध्या में सीएम योगी ने रामचंद्र दास परमहंस को अर्पित की श्रद्धांजलि,बांग्लादेश पर भी बोले

सूबे के मुखिया सीएम योगी आज अयोध्या पहुंचे।इस दौरान उन्होंने कहा- बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। मंदिर तोड़े जा रहे हैं। आज भारत के तमाम पड़ोसी जल रहे हैं।

CM Yogi In Ayodhya: अयोध्या में सीएम योगी ने रामचंद्र दास परमहंस को अर्पित की श्रद्धांजलि,बांग्लादेश पर भी बोले

CM Yogi In Ayodhya: सूबे के मुखिया सीएम योगी आज अयोध्या पहुंचे।इस दौरान उन्होंने कहा- बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। मंदिर तोड़े जा रहे हैं। आज भारत के तमाम पड़ोसी जल रहे हैं। फिर भी हम इतिहास की परतों को ढूंढने का प्रयास नहीं कर रहे हैं कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति वहां क्यों पैदा हुई है। जो समाज इतिहास का गलतियों से सबक नहीं सीखता है, उसके भविष्य पर ग्रहण लगता है। योगी ने यह बात बुधवार सुबह अयोध्या में संतों के कार्यक्रम में कही।

दो दिवसीय दौरे पर है सीएम योगी 

सीएम योगी अपने दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे। यहां उन्होंने सरयू गेस्ट हाउस में संतों से मुलाकात की और फिर रात्रि विश्राम के बाद सुबह दिगंबर अखाड़ा गए। यहां सीएम ने राम मंदिर आंदोलन के महानायक रामचंद्र दास परमहंस की प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद योगी ने दिगंबर अखाड़ा के गर्भगृह में मौजूद भगवान के विग्रहों का भी पूजन किया साथ ही आंगन में तुलसी का पौधा लगाया।

'मूर्ति देखकर ऐसा लगा जैसे परमहंस जी बोलने वाले हैं' - सीएम योगी 

दिगंबर अखाड़ा (Digambar Akhara) पहुंते सीएम योगी ने रामचंद्र दास परमहंस (Ramchandra Das Paramahamsa) को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा - आज प्रभु श्रीराम के परम भक्त परमहंस रामचंद्र दास की 21वीं पुण्यतिथि है। राम जन्मभूमि के लिए जिनका पूरा जीवन समर्पित रहा, ऐसे संत की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। मूर्ति को देखकर ऐसा लग रहा था कि परमहंस जी कुछ बोलने वाले हैं। 500 साल बाद अयोध्या में रामलला विराजमान हुए। अयोध्या के संतों का गौरव बढ़ा। अयोध्या को नई पहचान मिली। इसी राम जन्मभूमि के बारे में जो लोग कहते थे कि अगर फैसला राम जन्मभूमि के पक्ष में हुआ तो सड़कों पर खून की नदियां बहेंगी। अयोध्या के संतों ने आपसी बातचीत से मामले को सुलझाने का प्रयास किया। जब बातचीत और समाधान के रास्ते समाप्त हो गए और सरकार की हठधर्मिता आड़े आने लगी तो अयोध्या के संतों ने लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष का रास्ता खोला।