Bharat-Bhutan News: भूटान के राजा आज से आठ दिनों के भारत दौरे पर, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात

भूटान के राजा जिग्मे खेसर अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इस दौरान भारत-भूटान संबंधों के विभिन्न पहलुओँ पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। भूटान के राजा भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कई आलाधिकारियों से भी मिलेंगे।

Bharat-Bhutan News: भूटान के राजा आज से आठ दिनों के भारत दौरे पर, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात

Bharat-Bhutan News: भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक आज से आठ दिनों के भारत दौरे पर हैं। भूटान के राजा जिग्मे खेसर अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इस दौरान भारत-भूटान संबंधों के विभिन्न पहलुओँ पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। भूटान के राजा भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कई आलाधिकारियों से भी मिलेंगे। भूटान के राजा का ये दूसरा भारतीय दौरा है। भूटान और चीन सीमा विवाद के बीच भूटानी राजा का भारत अहम माना जा रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, भूटान की राजशाही सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तीन से दस नवंबर तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वह असम और महाराष्ट्र भी जाएंगे। 

‘भारत और भूटान के बीच दोस्ती-सहयोग का रिश्ता’

भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत और भूटान के बीच दोस्ती और सहयोग का खाश रिश्ता हैं, जिसकी खासियत आपसी तालमेल और परस्पर विश्वास है। साथ ही बयान में कहा गया है कि यह यात्रा दोनों पक्षों को द्विपक्षीय सहयोग के संपूर्ण आयाम की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी। यह यात्रा चीन और भूटान द्वारा बीजिंग में 25वें दौर की सीमा वार्ता आयोजित करने और भूटान-चीन सीमा के परिसीमन और सीमांकन पर संयुक्त तकनीकी टीम (जेटीटी) की जिम्मेदारियों और कार्यों पर एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ हफ्तों बाद हो रही है।

‘भारत और भूटान के बीच 2016 में हुई थी सीमा वार्ता’

बता दें कि भारत और भूटान दोनों देशों ने 2016 में सीमा वार्ता का आखिरी दौर आयोजित किया था और नया समझौता सीमा मुद्दे को हल करने के लिए 2021 में अंतिम रूप दिए गए तीन-चरणीय रोडमैप पर आधारित है। वहीं सीमा के परिसीमन पर पहली तकनीकी वार्ता अगस्त में हुई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक संकेत था कि भूटान और चीन अपनी विवादित सीमा के संभावित संरेखण पर सहमत हो गए हैं।

भूटान के विदेश मंत्री ने पिछले हफ़्ते की थी बीजिंग की यात्रा 

भूटान राजा का ये दौरा बहुत ख़ास है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने अपने उप विदेश मंत्री सुन वेइदोंग के साथ सीमा वार्ता के बाद बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भूटान और चीन के बीच हालिया बातचीत जिस तेज़ी से आगे बढ़ी है, उसने नई दिल्ली को हैरानी में डाल दिया है। मामले विशेषज्ञों का मानना है कि भूटान राजा अपनी भारत यात्रा का उपयोग भारतीय नेतृत्व को चीन के साथ सीमा वार्ता पर भूटान का पहलू समझाने के लिए कर सकते हैं।

भूटान को 2,400 करोड़ किये गए थे आवंटित
भूटान भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति का एक प्रमुख लाभार्थी रहा है और 2023-24 के बजट में देश की बाहरी सहायता का सबसे बड़ा लाभार्थी है, जिसे अन्य देशों के लिए सहायता के रूप में 5,408 करोड़ रुपये के कुल बजट में से 2,400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।