Ravi Prakash Verma: चुनाव से पहले एक और उलटफेर, सपा के राष्ट्रीस महासचिव थामेंगे कांग्रेस का हाथ

सपा के वरिष्ठ नेता और चार बार के सांसद रहे रवि प्रकाश वर्मा ने समाजवादी पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। रवि वर्मा ने अपना इस्तीफा सपा के मुखिया अखिलेश यादव को भेजा है, जिसमें उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह भी साफ की है।

Ravi Prakash Verma: चुनाव से पहले एक और उलटफेर, सपा के राष्ट्रीस महासचिव थामेंगे कांग्रेस का हाथ

Ravi Prakash Verma: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। सपा के वरिष्ठ नेता और चार बार के सांसद रहे रवि प्रकाश वर्मा ने समाजवादी पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। रवि वर्मा ने अपना इस्तीफा सपा के मुखिया अखिलेश यादव को भेजा है, जिसमें उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह भी साफ की है।

रवि वर्मा ने भेजा इस्तीफा

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद रहे रवि प्रकाश वर्मा ने समाजवादी पार्टी का दामन छोड़ने का फैसला किया है। रवि वर्मा ने अखिलेश यादव को अपना इस्तीफा भेज दिया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि "खीरी में पार्टी की आंतरिक परिस्थितियों के कारण में कार्य करने में असमर्थ हूं और इसलिए समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत दे रहा हूं। 

कौन है रवि प्रकाश वर्मा

रवि प्रकाश वर्मा समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे हैं। जिनकी लखीमपुर खीरी और आसपास के इलाकों में मजबूत पकड़ मानी जाती है। बता दें कि रवि प्रकाश वर्मा तीन बार लोकसभा सांसद और एक बार राज्यसभा सांसद रहे है।

कांग्रेस का थामेंगे हाथ

वहीं उनके इस्तीफे के सामने आने के बाद यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि रवि वर्मा कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने जा रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि वर्मा 6 नवंबर को अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस का हाथ थामेंगे। जानकारी के मुताबिक, रवि वर्मा आंतरिक परिस्थितियों की वजह से बीते कई महीनों से नाराज थे। जिसके बाद अखिरकार उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

अखिलेश का नुकसान, कांग्रेस का फायदा

रवि प्रकाश वर्मा ओबीसी के कुर्मी समुदाय से आते हैं, उन्हें रुहेलखंड के बड़े नेताओं में उन्हें गिना जाता है। रवि वर्मा की पकड़ जिस तरह से रुहलेखंड के कुर्मी समुदाय वाले क्षेत्रों के बीच है, उससे उनका कांग्रेस में शामिल होना सपा के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव में चिंता बढ़ा सकता है।