Arvind Kejriwal Arrest : हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की याचिका खारिज की, कोर्ट ने कहा- गिरफ्तारी वैध
मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। केजरीवाल ने 23 मार्च को गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका लगाई थी।
Arvind Kejriwal Arrest : मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। केजरीवाल ने 23 मार्च को गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका लगाई थी। जस्टिस स्वर्ण कांत शर्मा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार और केजरीवाल के बीच का मामला नहीं है। ये ईडी और उनके बीच का मामला है।
23 मार्च को गिरफ्तारी के खिलाफ दायर की थी याचिका
याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया और गिरफ्तारी को वैध माना। कोर्ट ने कहा कि ये जमानत का मामला नहीं है। गिरफ्तारी को चुनौती है। साथ ही हाई कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ईडी की रिमांड को अवैध नहीं कहा जा सकता है।
ये जमानत का मामला नहीं है
जस्टिस स्वर्ण कांत शर्मा ने कहा कि यह याचिका इस बात का फैसला करने के लिए है कि गिरफ्तारी अवैध है या नहीं। यह याचिका जमानत देने के लिए नहीं है। कोर्ट ने कहा की राघव मुंगटा और शरथ रेड्डी के बयान PMLA के तहत रिकॉर्ड किए गए हैं। ED ने केजरीवाल के खिलाफ सबूत इकट्ठा किए हैं कि केजरीवाल साजिश में शामिल थे। ईडी ने खुलासा किया कि केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संयोजक के तौर पर भी इस मामले में शामिल थे। सरकारी गवाहों के बयान किस तरह रिकॉर्ड किए, इस बात पर शक करना कोर्ट और जज पर कलंक लगाने जैसा है।
21 मार्च को केजरीवाल को किया गया था गिरफ्तार
बतादें शराब नीति मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ED ने अरेस्ट किया था। ED ने 22 मार्च को केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा, जिसे बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ाया गया। बाद में 1 उन्हें अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया। वह पिछले 9 दिनों से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
हाईकोर्ट ने की टिप्पणी
- अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी संवैधानिक
- ED बताने में सफल रही है कि हवाला से पैसा गोवा भेजा गया
- विवाद केंद्र सरकार और दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं
- विवाद ED और केजरीवाल के बीच का है।
- सरकारी गवाह पर सवाल करना कोर्ट पर सवाल है
- सरकारी गवाह बनाने का कानून 100 साल से ज्यादा पुराना
- चुनाव से रोकने के लिए केजरीवाल की गिरफ्तारी नहीं हुई
- जब समन दिया गया था तब पता था कि मार्च में चुनाव होगा
- चुनाव के समय की परवाह किए बिना रिमांड की जांच हो
- कोर्ट पर बाहरी या राजनैतिक कारकों का असर नहीं है
- कोर्ट का संबंध सविधान से है राजनीतिक नैतिकता से नहीं
- केजरीवाल और गवाहों को क्रॉस एग्जामिनेशन का हक
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