'Angry Young Man': 'एंग्री यंग मैन' द सलीम-जावेद चैप्टर, भारतीय सिनेमा का सबसे धमाकेदार हिस्सा
सलीम खान और जावेद अख्तर की डॉक्यूमेंट्री 20 अगस्त रीलीज हुई है।इसे आप अमेजन पर देख सकते हैं। इस जोड़ी को लेखन के मामले में कोई भी टक्कर नहीं दे सकता है। इन्होने किरदारों को पर्दे पर कुछ यूं पेश किया कि सिनेमा की परिभाषा बदलकर रख दी।डॉक्यूमेंट्री में दोनो की संघर्ष और सफलता की कहानी दिखाई गई है।
Angry Young Man:सलीम खान और जावेद अख्तर की डॉक्यूमेंट्री 20 अगस्त रीलीज हुई है।इसे आप अमेजन पर देख सकते हैं। इस जोड़ी को लेखन के मामले में कोई भी टक्कर नहीं दे सकता है। इन्होने किरदारों को पर्दे पर कुछ यूं पेश किया कि सिनेमा की परिभाषा बदलकर रख दी।डॉक्यूमेंट्री में दोनो की संघर्ष और सफलता की कहानी दिखाई गई है।
सुपरहिट जोड़ी है सलीम-जावेद की जोड़ी
अपने जमाने में सलीम जावेद की जोड़ी सबसे बेस्ट थी। इन्होने एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक फिल्में दीं। एक इंटरव्यू में जावेद अखतर ने बताया था कि सलीम खान कहानी लाते थे और राइटर डायलॉग लिखते थे। इन्हीं के आने के बाद से फिल्मों में लेखकों को तवज्जो मिलने लगी थी। सलीम जावेद की तमाम कहानियां हैं जिसे लेकर एंग्री यंग मैन बनाई गई है।।
24 फिल्मों में साथ किया काम
अक्सर ऐसा होता है कि हम कोई फिल्म देखते हैं तो एक्टिंग और सीन में ही खो जाते हैं, लेकिन फिल्म की कहानी अगर अच्छी न हो तो सारी मेहनत बेकार है। इस जोड़ी ने हमें अंदाज, हाथी मेरे साथी, सीता और गीता, जंजीर, यादों की बारात, दीवार, शोले और डॉन जैसी 24 फिल्में दी हैं। जिसमें से 22 ब्लॉकबस्टर रहीं। जो फिल्में फ्लॉप हुई वे हैं 1975 में आई फिल्म ‘आखिरी दांव’ और 1977 में आई‘ईमान धरम’।।
1982 में टूटी जबरदस्त जोड़ी, फिर बागवान ने जोड़ा
साल 1982 में ये जोड़ी टूट गई। किसी को इसकी वजह पता नहीं चली। फिर 21 साल बाद सलीम खान और जावेद अख्तर साल 2003 में साथ आए। इस बार इनकी जोड़ी ने बनाई बागबान। इस फिल्म का आज भी एक अलग ही फैनबेस है।
अलग होने के बाद लिखा डायलॉग
अगर आपने बागवान देखी होगी तो आपको पता होगा कि क्लाइमेक्स सीन में दो दमदार स्पीच हैं। एक सलमान खान की दूसरी अमिताभ बच्चन की। बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक सलमान खान ने जो स्पीच दी वो सलीम जावेद ने लिखी थी और अमिताभ की स्पीच जावेद अख्तर ने। इसके लिए सलमान खान ने अपने पिता सलीम खान को और अमिताभ ने जावेद अख्तर को मनाया था। हालांकि इसके लिए दोनों को क्रेडिट नहीं दिया गया था।
सलीम-जावेद की जोड़ी कैसे बनी
सलीम खान 1955 के आस-पास मुंबई आए थे। तब उन्होंने बतौर एक्टर कुछ फिल्में कीं लेकिन फ्लॉप रहे। इसके बाद उन्होंने लेखक के तौर पर काम करने की सोची लेकिन वो डायलॉग्स नहीं लिख पाते थे। वहीं जावेद अख्तर डायलॉग्स लिख लेते थे लेकिन स्क्रीन राइटर के तौर पर उन्हें लिखने में कुछ प्रोबलम थी।
'एंग्री यंग मैन' ('Angry Young Man') डॉक्यूसीरीज में जावेद अख्तर ने बताया था कि वो एक दिन मरीन ड्राइव में पहुंचकर सोच रहे थे कि आगे इंडस्ट्री में टिकने के लिए क्या करें। उसी समय वहां सलीम खान भी बैठे थे तो उन्होंने एक कहानी डिस्कस की। उस कहानी को दोों ने 5 हजार में बेच दी और उस फिल्म का नाम 'दो भाई' था जो हिट रही। इसके बाद उन्होंने मिलकर काम शुरू किया और इंडस्ट्री के सबसे पॉपुलर राइटर बने।
‘एंग्री यंग मैन’ के एपिसोड
पहले एपिसोड का टाइटल है, ‘मैं फैंके हुए पैसे नहीं उठाता’, दूसरे एपिसोड का टाइटल है, ‘मेरे पास मां है’ और तीसरे एपिसोड का टाइटल है, ‘कितने आदमी थे’। सिनेमा लवर्स के लिए और खासतौर पर नई पीढ़ी के लिए तो ये सीरीज मजेदार तथ्यों का एक खजाना है, ये अलग बात है कि बॉलीवुड के कीड़ों को कुछ नया नहीं मिलने वाला है और उस सवाल का जवाब तो बिलकुल नहीं मिलेगा कि दोस्ती टूटी क्यों? जाहिर है ये सीरीज बनी होगी, तो दोनों खानदानों और खासतौर पर दोनों बड़े बेटों के बीच ये साफ साफ तय हुआ होगा कि क्या बताना है और क्या छुपाना है।