Tulsi Puja: कृष्णाष्टमी के दिन तुलसी की पूजा का विशेष महत्व, जाने कैसे करें विधिवत पूजा
जन्माष्टमी हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्योहार भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का प्रतीक है। वैदिक पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल जन्माष्टमी आज यानी 26 अगस्त को मनाई जा रही है।
Tulsi Puja: जन्माष्टमी हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्योहार भगवान कृष्ण (Lord Krishna) के जन्मोत्सव का प्रतीक है। वैदिक पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल जन्माष्टमी आज यानी 26 अगस्त को मनाई जा रही है। जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी, कृष्णाष्टमी या श्रीजयंती के नाम से भी जाना जाता है। वहीं इस मौके पर तुलसी माता की पूजा भी बेहद शुभ मानी जाती है। तो ऐसे में आज हम आपको तुलसी की पूजा के महत्व के बारे में बतायेंगे।
तुलसी माता की पूजा से होता है खुशियों का आगमन
जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली बनाएं रखने के लिए जन्माष्टमी के दिन तुलसी के सामने घी का दीपक जलाना और तुलसी माता की 11 बार परिक्रमा करना बहुत फायदेमंद होता। साथ ही तुलसी माता की पूजा करने से खुशियों का आगमन भी होता है।
नौकरी या व्यापार में उन्नति का लाभ
जन्माष्टमी पर तुलसी माता को पीले रंग की चुनरी चढ़ाने के साथ भगवान श्रीकृष्ण से अपनी मनोकामना व्यक्त करें। इस उपाय से नौकरी या व्यापार में उन्नति का लाभ होता है। इस उपाय को करने से आपकी मनोकामना जल्दी पूरी हो जायेगी।
वैवाहिक जीवन से जुड़ी मुश्किलें होती है समाप्त
जन्माष्टमी के दिन घर पर तुलसी का पौधा लगाना चाहिए। साथ ही विधिवत पूजा और श्रृंगार की सामग्री अर्पित करनी चाहिए। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन से जुड़ी मुश्किले धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं। साथ ही विवाह में आ रही अड़चनें भी दूर होती हैं।
स्वास्थ्य में होता है सुधार
जन्माष्टमी के दिन एक छोटी सी कढ़ाई में आटा डालकर उसे देशी घी में भूनें। फिर इसमें शक्कर मिलाकर प्रसाद तैयार करें। इसमें केले और तुलसी के 11 पत्ते डालें और भगवान विष्णु को भोग लगाएं। साथ ही अगर आप यही प्रसाद किसी रोगी व्यक्ति को खिलाते हैं तो उसके स्वास्थ्य में भी सुधार हो सकता है।
रोग-दोष और नजर दोष होते हैं दूर
जन्माष्टमी के दिन सूखी हुई तुलसी के पत्ते का पाउडर बना कर आटे में मिला दें और घर के मुख्य द्वार पर इससे रेखा खींच दें। इसके साथ ही घर के मुख्य द्वार पर दाएं और बाएं ओर कपूर का दीपक जलाएं। ऐसा करने से रोग-दोष और नजर लगने की परेशानियों से राहत मिलती है।