Andhra Pradesh EVM news: ईवीएम तोड़ने के मामले में आंध्र हाईकोर्ट ने पुलिस को विधायक पर 5 जून तक कार्रवाई करने से किया मना
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के विधायक पिन्नेली रामकृष्ण रेड्डी को राहत देते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) नष्ट करने से संबंधित मामले में पुलिस को उनके खिलाफ 5 जून तक कोई भी कार्रवाई करने से रोक दिया।
Andhra Pradesh EVM news: वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के विधायक पिन्नेली रामकृष्ण रेड्डी (Pinneli Ramakrishna Reddy) को राहत देते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट (Andhra High Court ) ने गुरुवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) नष्ट करने से संबंधित मामले में पुलिस को उनके खिलाफ 5 जून तक कोई भी कार्रवाई करने से रोक दिया। हाईकोर्ट ने पालनाडु जिले के माचेरला निर्वाचन क्षेत्र से विधायक की अग्रिम जमानत याचिका पर आदेश पारित किया, जो मामले में गिरफ्तारी से बच रहे हैं। कोर्ट ने पुलिस को 5 जून तक उन्हें गिरफ्तार न करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 6 जून को होनी तय की है।
पुलिस विधायक की कर रही तलाश
रामकृष्ण रेड्डी के वकील निरंजन रेड्डी ने लंच मोशन याचिका दायर की थी, उन्होंने तर्क दिया कि घटना 13 मई को हुई थी, लेकिन एफआईआर 15 मई को दर्ज की गई थी। शुरुआत में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन बाद में सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित होने के बाद विधायक को आरोपी नंबर एक बनाया गया। विधायक के वकील ने अदालत से कहा कि सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो छेड़छाड़ किया हुआ हो सकता है। यह घटना 13 मई को राज्य विधानसभा और लोकसभा के एक साथ चुनाव के लिए मतदान के दौरान माचेरला निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदान केंद्र पर हुई थी। पुलिस की आठ टीमें पिछले दो दिनों से विधायक की तलाश कर रही हैं, क्योंकि चुनाव आयोग ने उनकी तत्काल गिरफ्तारी का आदेश दिया है।
रामकृष्ण रेड्डी फिर से कर रहे चुनाव की मांग
इससे पहले दिन में, मुख्य निर्वाचन अधिकारी एम.के. मीणा ने पलवई गेट मतदान केंद्र के मतदान अधिकारी और सहायक मतदान अधिकारी को निलंबित करने का आदेश दिया, जहां विधायक ने ईवीएम को नुकसान पहुंचाया था। उन्होंने कहा कि दोनों अधिकारी घटना की जानकारी देने में विफल रहे। रामकृष्ण रेड्डी, जो माचेरला से लगातार पांचवीं बार वाईएसआरसीपी के उम्मीदवार हैं, फिर से चुनाव की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 143, 147, 448, 427, 353, 452 और 120 (बी), लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 131 और 135 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम (पीडीपीपी) अधिनियम, 1984 की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया था। सीईओ मीणा के मुताबिक, ये 10 धाराएं कड़ी हैं, जिनके तहत सात साल तक की सजा हो सकती है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, लेकिन वीडियो फुटेज देखने के बाद विधायक को मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया है। संबंधित न्यायालय में एक ज्ञापन भी दाखिल किया गया है। 21 मई को वायरल हुए वीडियो में रामकृष्ण रेड्डी एक मतदान केंद्र में जाते और ईवीएम को जमीन पर पटकते नजर आ रहे हैं।