Ambedkar Nagar Lok Sabha Election 2024 : बसपा के सामने अंबेडकर नगर सीट पर फिर जीत हासिल करने की चुनौती
कभी बसपा के लिए अभेद्य किला रहा उत्तर प्रदेश का अंबेडकरनगर जिला अब उसकी पकड़ से दूर हो गया है। यहां पर छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है। बसपा छोड़कर आए सांसद रितेश पांडेय को भाजपा ने यहां अपना प्रत्याशी घोषित किया है। सपा ने कांग्रेस संग इंडिया गठबंधन की ओर से कटेहरी विधायक लालजी वर्मा पर दांव लगाया है। बसपा ने कलाम शाह को अपना प्रत्याशी बनाया है।
Ambedkar Nagar Lok Sabha Election 2024 : कभी बसपा के लिए अभेद्य किला रहा उत्तर प्रदेश का अंबेडकरनगर जिला अब उसकी पकड़ से दूर हो गया है। यहां पर छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है। बसपा छोड़कर आए सांसद रितेश पांडेय को भाजपा ने यहां अपना प्रत्याशी घोषित किया है। सपा ने कांग्रेस संग इंडिया गठबंधन की ओर से कटेहरी विधायक लालजी वर्मा पर दांव लगाया है। बसपा ने कलाम शाह को अपना प्रत्याशी बनाया है।
BSP ने कलाम शाह को बनाया प्रत्याशी
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा को यहां सपा के साथ गठबंधन का फायदा मिला था। इसी की बदौलत बसपा के उम्मीदवार रितेश पांडेय को तकरीबन 95 हजार वोटों से जीत मिली थी। वहीं, भाजपा के प्रत्याशी मुकुट बिहारी उपविजेता बने थे। उस चुनाव में बसपा कैडर के साथ ही सपा के वोट भी शामिल थे, लेकिन इस बार सपा-कांग्रेस सहित अन्य दलों का गठबंधन है। वहीं, बसपा अलग-थलग चुनाव मैदान में उतरी है।
2019 में सपा के साथ मिलकर लड़ा था चुनाव
कटेहरी के रामलाल कहते हैं कि इस जिले को बनाने में मायावती का बहुत बड़ा हाथ है। उन्होंने न सिर्फ इस जिले से चुनाव लड़ा बल्कि कई नेता भी दिए। उन्होंने विकास के क्षेत्र में बहुत काम किया है। लेकिन, कभी उनकी पार्टी में बड़े पदों पर रहे लोग आज दूसरी पार्टी में हैं। यही बसपा की कमजोरी है। लेकिन, उसका अपना एक वोट बैंक है।
अंबेडरकरनगर में बसपा का अपना जनाधार
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि अंबेडकरनगर लोकसभा में बसपा का अपना शुरू से जनाधार रहा है। इसी कारण बसपा प्रमुख ने इस जिले को अपनी राजनीतिक कर्मभूमि भी बनाई। उन्होंने वर्ष 1998 के आम चुनाव में यहां से लड़ने की घोषणा कर हलचल मचा दी थी। 1999 में फिर हुए चुनाव में भी मायावती ने इसी सीट को चुना। इस बार उन्होंने पिछले चुनाव से शानदार प्रदर्शन किया। बसपा प्रमुख ने वर्ष 2004 के चुनाव में भी अंबेडकरनगर का रुख किया। उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाई और जीत का अंतर भी बढ़ाने में सफलता हासिल की।
अंबेडकरनगर में बसपा का एक भी विधायक नहीं
उन्होंने जिक्र किया कि बसपा की भले सरकार न रही हो, लेकिन उसका जनाधार रहा है। लेकिन, नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद उसे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान तीन विधानसभा सीटों पर बसपा का कब्जा था। कटेहरी से लालजी वर्मा, अकबरपुर से रामअचल राजभर व जलालपुर से रितेश विधायक थे। लोकसभा चुनाव में इसी का फायदा बसपा को मिला था। लेकिन, इस बार उनके उम्मीदवार भाजपा के पाले से लड़ रहे हैं। बसपा के इस जिले में एक भी विधायक नहीं है। अब उनकी डगर बहुत कठिन नजर आ रही है।