SAMUDRYAN: चांद , सूरज के बाद अब समुद्र के रहस्यों की होगी पड़ताल
SAMUDRYAN: चंद्रयान -3 और सूर्ययान के पश्चात अब भारत समुद्र में परिक्षण करने की तैयारी कर रहा है। अगले साल भारत गहरे समुद्र में मानव को भेजने के लिए मिशन समुद्रयान का पहला परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है।
SAMUDRYAN: चंद्रयान -3 और सूर्ययान (ADITYA L-1 ) के बाद अब भारत समुद्र में परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक अगले साल भारत गहरे समुद्र में मानव को भेजने के लिए मिशन समुद्रयान (Samudrayaan Mission) का पहला परीक्षण कर सकता है। समुद्र में जाने वाले यान का नाम रखा गया है मत्सय 6000. बताया जा रहा है कि स्वदेशी पनडुब्बी मत्स्य 6000 में बैठकर समुद्र में छह किलोमीटर गहराई में समुद्रयात्री यात्रा करेंगे ।
क्या है मिशन समुद्रयान
चंद्रयान- 3 और आदित्य एल -1 के बाद अब नये प्रोजेक्ट की तैयारी काफी तेजी से चल रही है। बताया जा रहा है कि समुद्रयान प्रोजेक्ट पूरी तरह से स्वदेशी है, यह एक सबमर्सिबल है, जिसका नाम मत्स्य 6000 (Matsya 6000) रखा गया है, सूत्रों के मुताबिक इसे बनाने के लिए टाइटेनियम एलॉय का इस्तेमाल किया गया है, जिसका व्यास 2.1 मीटर है। बताया जा रहा है कि यह महज 12 घंटे के लिए तीन इंसानों को 6000 मीटर की समुद्री गहराई में ले जाएगा। जिसमें 96 घंटे की इमरजेंसी इंड्यूरेंस शामिल है।
एमओईएस ने दी जानकारी
जानकारी के मुताबिक ‘पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय’ (एमओईएस ) के मंत्री किरेन रिजिजू ने बीते सोमवार 11 सितंबर को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है, कि यह भारत का अगला मिशन है जिसका नाम Samudrayaan मत्स्य 6000 है। चेन्नई के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेकनोलॉजी (National Institute of Ocean Technology) इसे बनाने जा रहा है। जिसके द्वारा 3 मनुष्यों को समुद्र के अंदर 6000 मीटर की गहराई में भेजा जायेगा जिससे समुद्र के अंदर मौजूद स्त्रोतों और जैव- विविधताओं के बारे में जानकरी कर उसकी स्टडी कर सकेगा। अनुमान है कि यह मिशन साल 2026 में लॉन्च होगा। वहीं सफल लॉन्चिंग के बाद भारत अमेरिका, फ्रांस, रूस, जापान और चीन जैसे देशों के ‘इलीट क्लब’ में शामिल हो जाएगा। यह मिशन समुद्र की गहराई में छिपे रहस्यों को जानने में मदद करेगा।