Acharya Pramod Krishnam: आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी पर कसा तंज कहा, लोकतंत्र नहीं रहता तो, राहुल गांधी दो जगहों से चुनाव कैसे जीतते
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के इस बयान पर कि पिछले 10 साल में भारत में लोकतंत्र को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया गया है, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि यदि देश में लोकतंत्र नहीं रहता तो पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष दो-दो सीटों से चुनाव कैसे जीतते।
Acharya Pramod Krishnam: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi) के इस बयान पर कि पिछले 10 साल में भारत में लोकतंत्र को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया गया है, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि यदि देश में लोकतंत्र नहीं रहता तो पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष दो-दो सीटों से चुनाव कैसे जीतते।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी को लेकर कही ये बात
पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में अमेरिका में की गई राहुल गांधी की टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "अगर भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया होता तो राहुल गांधी दो जगहों से कैसे लोकसभा चुनाव जीत जाते? लोकतंत्र के बिना वह रायबरेली और वायनाड लोकसभा सीट से कैसे चुनाव जीत गए? रायबरेली से भी उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। वह कह रहे थे कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आईना दिखा दिया है, लोकसभा चुनाव में 99 सीटें जीत ली हैं। तो ये सारी सीटें लोकतंत्र के बिना कैसे आ गईं? मुझे लगता है उन्हें किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।"
जातिगत मतगणना पर बोले आचार्य प्रमोद
जातिगत मतगणना पर आचार्य प्रमोद कृष्णम कहा कि राहुल गांधी देश को विभाजित करना चाहते हैं। वह धर्म, भाषा, क्षेत्र और जाति के नाम पर देश को बांटना चाहते हैं। उनका एक ही एजेंडा है कि कैसे देश को विभाजित किया जाए। इसीलिए वह विदेश जाते हैं और वहां जाकर देश की बुराई करते हैं। राहुल गांधी ने अमेरिका में एक कार्यक्रम में कहा, "मैं आपको यह बता सकता हूं कि पिछले वर्षों में भारतीय लोकतंत्र को बहुत नुकसान पहुंचाया गया। अब वह फिर से पटरी पर लौटने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसे नुकसान पहुंचाया गया था।" राहुल गांधी ने कहा, "मैंने देखा है कि किस तरह महाराष्ट्र में हमारी सरकार हमसे छीन ली गई। मैंने इन सबका गवाह रहा हूं। मैंने देखा है कि कैसे हमारे विधायकों को खरीद लिया गया और उन्हें फंसा दिया गया। वे अचानक भाजपा के विधायक बन गए। तो इस प्रकार भारतीय लोकतंत्र खतरे में रहा है, इसे बुरी तरह से कमजोर किया गया और अब वह फिर से पटरी पर लौट रहा है। मुझे भरोसा है कि यह फिर से मजबूत होगा।"