AAP Congress alliance : आम आदमी पार्टी से कांग्रेस ने भी तोड़ा गठबंधन, अलग लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
आम आदमी पार्टी के बाद अब कांग्रेस ने भी 'आप-कांग्रेस' गठबंधन तोड़ने की औपचारिक बात कही है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ने दिल्ली समेत कुल तीन राज्यों में गठबंधन के अंतर्गत लोकसभा चुनाव लड़ा था।
AAP Congress alliance : आम आदमी पार्टी के बाद अब कांग्रेस ने भी 'आप-कांग्रेस' गठबंधन तोड़ने की औपचारिक बात कही है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ने दिल्ली समेत कुल तीन राज्यों में गठबंधन के अंतर्गत लोकसभा चुनाव लड़ा था। कांग्रेस का कहना है कि आम आदमी पार्टी अब इंडिया गठबंधन में रहना चाहती है या नहीं, इसका जवाब आम आदमी पार्टी ही दे सकती है। कांग्रेस का कहना है कि आम आदमी पार्टी के साथ उनका गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव तक के लिए था।
दिल्ली विधानसभा चुनाव AAP और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे
कांग्रेस के ऐलान से स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते नजर आएंगे। गठबंधन के विषय पर शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन बना था, हमने तभी कह दिया था कि यह गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव तक के लिए है।
दिल्ली लोकसभा चुनाव में BJP ने सातों सीटों पर कब्जा किया
गौरतलब है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन होने के बावजूद दोनों पार्टी सभी सातों सीटों पर चुनाव हार गई। दिल्ली की सभी सीटों पर न केवल भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रही बल्कि उसके उम्मीदवारों को 50 प्रतिशत से अधिक वोट भी हासिल हुए हैं।
आप और कांग्रेस ने दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में मिलकर लड़ा था चुनाव
दोनों पार्टियों के नेता दबी जुबान में यह भी मान रहे हैं कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन पूरी तरह से विफल रहा है। इस गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने तीन राज्यों दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में मिलकर चुनाव लड़ा। लेकिन, तीनों राज्यों में आम आदमी पार्टी का खाता तक भी नहीं खुल सका। यहां उसे एक भी सीट नहीं मिली है।
दिल्ली में गठबंधन पूरी तरह से फेल रहा
वहीं, दिल्ली की सभी सातों सीटों पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, दोनों के ही सारे प्रत्याशी चुनाव हार गए। दिल्ली में लोकसभा की कुल 7 सीटें हैं। इनमें से चार सीटों पर आम आदमी पार्टी और शेष तीन सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही थी। यहां गठबंधन पूरी तरह विफल रहा और सभी सातों सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की।
दिल्ली में मिली हार की समीक्षा की जा रही है
इससे पहले आम आदमी पार्टी ने भी स्पष्ट किया था कि वह केवल लोकसभा चुनाव तक के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन में थी। अब दिल्ली में कांग्रेस के साथ उनका ऐसा कोई गठबंधन नहीं है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी यह बता दिया गया था कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव तक सीमित है। कांग्रेस के मुताबिक दिल्ली में मिली हार की समीक्षा की जा रही है और इसके लिए बूथ लेवल तक की समीक्षा होगी।