lawyer strike: प्रदेश में वकीलों की हड़ताल रहेगी जारी, बार काउंसिल की बैठक में हुआ फैसला

lawyer strike: हाईकोर्ट ने वकीलों की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर पर शासन की ओर से गठित एसआईटी से 15 सितंबर तक रिपोर्ट तलब की है।

lawyer strike:  प्रदेश में वकीलों की हड़ताल रहेगी जारी, बार काउंसिल की बैठक में हुआ फैसला

lawyer strike:उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हापुड़ (Hapur) में हुई वकीलों (Lawyers) की घटना की आग ठंडी नहीं पड़ रही है। प्रदेश भर के वकील हापुड़ में हुई मारपीट की घटना को लेकर एक फिर सोमवार (Monday) और मंगलवार (Tuesday) को हड़ताड (Strike) पर रहेंगे। बार काउंसिल (Bar Council) की एक बैठक में फैसला लिया गया है कि दो दिवसीय हड़ताल जारी रहेगी।  

उच्च न्यायालय (High Court) द्वारा हापुड़ घटना की न्यायिक जांच के लिए छह सदस्यीय समिति गठित किए जाने के बाद बार काउंसिल ने हड़ताल वापस लेने का निर्णय किया था, लेकिन इस फैसले का काउंसिल के अन्य सदस्यों द्वारा भारी विरोध करने के बाद वापस ले लिया गया है। अब हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया गया।

बार काउंसिल (Bar Council) के उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय (Anurag Pandey) की ओर से कहा गया है कि प्रशासन ने बार काउंसिल और वकीलों की मांग पर ध्यान नहीं दिया है, जिस कारण हमने बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय किया है कि सोमवार और मंगलवार को वकील न्यायिक कार्य नहीं करेंगे और यदि सरकार मांग नहीं मानती है तो मंगलवार को आगे की रणनीति तय की जाएगी।

इलाहबाद (Allahabad High Court) में ‘हाईकोर्ट बार एसोसिएशन’ (High Court Bar Association) के पदाधिकारियों ने भी सोमवार को न्यायिक कार्य से अलग रहने की घोषणा की है। बार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्र (Ashish Kumar Mishra) के मुताबिक, जनपद न्यायालय हापुड़ (District Court Hapur) में 29 अगस्त को हुई घटना में सभी पीड़ित वकीलों की प्राथमिकी दर्ज ना किए जाने के विरोध में अधिवक्ता सोमवार को न्यायिक कार्य नहीं करेंगे।

बार काउंसिल ने मुख्य न्यायधीश प्रीतिंकर दिवाकर (Chief Justice Pritinkar Diwakar) के समक्ष इस मामले में तत्काल सुनवाई करने की अर्जी दाखिल कर रखी थी। इस अर्जी पर जज प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी की खंडपीठ ने शनिवार को सुनवाई की। इसके बाद नई कमेटी के गठन का यह फैसला लिया गया। हाईकोर्ट ने वकीलों की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर पर शासन की ओर से गठित एसआईटी से 15 सितंबर तक रिपोर्ट तलब की है। इसी दिन नवगठित छह सदस्यीय न्यायिक कमेटी भी अलग से अपनी रिपोर्ट देगी।