Women's Reservation Bill: साढ़े नौ सालों में मोदी सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया, 'देर आए दुरुस्त आए' : कांग्रेस

Women's Reservation Bill: केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि साढ़े नौ साल में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कई बार महिला आरक्षण बिल को लेकर पत्र लिखे जाने के बावजूद मोदी सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।

Women's Reservation Bill: साढ़े नौ सालों में मोदी सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया, 'देर आए दुरुस्त आए' : कांग्रेस

Women's Reservation Bill: केंद्रीय मंत्रिमंडल (central cabinet) द्वारा महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस (congress) ने मंगलवार को कहा कि साढ़े नौ साल में सोनिया गांधी (sonia gandhi) और राहुल गांधी (Rahul gandhi) के कई बार महिला आरक्षण बिल को लेकर पत्र लिखे जाने के बावजूद मोदी सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। "भले ही भाजपा ने इसमें बहुत देर कर दी है, लेकिन देर आए दुरुस्त आए, बिल अंततः दिन के उजाले को देख रहा है।"

एक्स पर एक पोस्ट में, कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, "1989 में, राजीव गांधी जी ने पहली बार स्थानीय निकायों के लिए यह विचार पेश किया। राजीव जी का दृष्टिकोण 1993 में लागू हुआ। 2010 में, सोनिया गांधी जी के नेतृत्व वाले यूपीए शासन के दौरान, डॉ. मनमोहन सिंह सरकार ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पारित किया।" 

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने कहा, "साढ़े नौ वर्षों में, सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी और स्वयं कांग्रेस पार्टी के कई पत्रों के बावजूद, मोदी सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। भले ही भाजपा ने इसमें बहुत देरी की है, लेकिन यह बेहतर है देर से ही सही, बिल आखिरकार दिन का उजाला देख रहा है।'' 

उनकी टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने के लिए संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी देने के एक दिन बाद आई है, इससे जिससे संसद के चल रहे विशेष सत्र में ऐतिहासिक विधेयक पेश करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न दो दिवसीय कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था ने अपने प्रस्ताव में महिला आरक्षण विधेयक को संसद के विशेष सत्र में पारित करने की मांग की है।

सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी विशेष सत्र में विधेयक पारित करने की मांग की।