Waqf Board: वक्फ बोर्ड की शक्तियां होंगी कम, केंद्र सरकार कानून में करेगी ये 40 संशोधन!

देश में वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम करने वाली है। इसे लेकर सरकार ने वक्फ बोर्ड बिल में संशोधन की तैयारी में है।

Waqf Board: वक्फ बोर्ड की शक्तियां होंगी कम, केंद्र सरकार कानून में करेगी ये 40 संशोधन!

Waqf Board: देश में वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम करने वाली है। इसे लेकर सरकार ने वक्फ बोर्ड बिल में संशोधन की तैयारी में है। सरकार सदन में बोर्ड की शक्तियों और उसकी कार्यप्रणाली में संशोधन से संबधित बिल पेश कर सकती है। इस संशोधन का सीधा असर यूपी जैसे कई राज्यों में होगा, जहां वक्फ बोर्ड काफी सक्रिय है। 

2013 में यूपीए सरकार ने भी किया था संशोधन

2013 में यूपीए सरकार (UPA government) ने मूल अधिनियम में संशोधन लाकर वक्फ बोर्ड की शक्तियां बढ़ा दी थीं। वक्फ बोर्ड के पास करीब 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 9.4 लाख एकड़ है। वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (Waqf Management System of India) के मुताबिक देश में करीब 8 लाख 55 हजार से ज्यादा संपत्तियां उनकी हैं।

संशोधन में क्या क्या प्रस्ताव

जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार (Central government) संसद में संशोधन से जुड़ा जो बिल पेश करने की तैयारी कर रही है उसमें करीब 40 बदलावों का प्रस्ताव है। 

वक्फ बोर्ड में प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं-

वक्फ बोर्ड (Waqf Board) जिन संपत्तियों पर दावा करेगा, उसका सत्यापन अनिवार्य होगा। वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करना। बोर्ड की संरचना में परिवर्तन का प्रस्ताव। महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने का प्रस्ताव। राज्य वक्फ बोर्ड की ओर से दावा किए गए विवादित भूमि का नए सिरे से सत्यापन करने का प्रस्ताव। विधेयक में वक्फ अधिनियम की धारा 9 और धारा 14 में संशोधन का प्रस्ताव। 

वक्फ बोर्ड है क्या?

आज देश भर में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड हैं। बिहार जैसे राज्यों में अलग-अलग शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) हैं। 1995 में हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में वक्फ बोर्ड के गठन की अनुमति देने के लिए कानून में संशोधन किया गया। 1954 में जवाहरलाल नेहरू सरकार (Jawaharlal Nehru Government) ने वक्फ अधिनियम पारित किया और फिर सरकार ने 1964 में केंद्रीय वक्फ परिषद (Central Waqf Council) की स्थापना की। वक्फ मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए दी गई संपत्ति है और वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करता है। बोर्ड ये सुनिश्चित करता है कि वक्फ संपत्ति से आई हुई आय को मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए उपयोग किया जाए।

कौन दे सकता है डोनेशन

कोई भी वयस्क मुस्लिम व्यक्ति अपने नाम की प्रॉपर्टी वक्फ के नाम कर सकता है। वक्फ एक स्वैच्छिक कार्रवाई है, दान के लिए कोई जबर्दस्ती नहीं है। 

वक्फ बोर्ड कैसे बनता है और काम क्या करता है? 

वक्फ बोर्ड के अंदर कई अंग शामिल हैं, जिसे वक्फ बोर्ड का नाम दिया गया है। इन भागों का काम उस संपत्ति की देखभाल और उसकी आय का सही इस्तेमाल करना है। इस संपत्ति से गरीब और जरूरतमंदों की मदद करना, मस्जिद या धार्मिक संस्थान को बनाए रखना, शिक्षा की व्यवस्था करना और धर्म के कार्यों के लिए पैसे देने संबंधी चीजें शामिल हैं। 

वक्फ बोर्ड में कौन-कौन होता है शामिल 

वक्फ ट्रिब्यूनल (waqf tribunal) में प्रशासनिक अधिकारी होते हैं। ट्रिब्यूनल में कौन शामिल होंगे, इसका फैसला राज्य सरकार करती है। बोर्ड में एक सर्वे कमिश्नर होता है, जिसके पास संपत्तियों का लेखा-जोखा होता है। इसके अलावा इसमें राज्य सरकारों की कोशिश यही होती है कि बोर्ड का गठन ज्यादा से ज्यादा मुस्लिमों से हो। बोर्ड में विधायक, सांसद, आइएएस अधिकारी, टाउन प्लानर, अधिवक्ता और बुद्धिजीवी जैसे लोग शामिल होते हैं।

वक्फ बोर्ड को लेकर क्यों हो रहा विवाद 

आरोप है कि सरकार ने बोर्ड को असीमित ताकत दे दी। वक्फ संपत्तियों को विशेष दर्जा दिया गया है, जो किसी ट्रस्ट से ऊपर है। वक्फ बोर्ड को अधिकार दिया गया है कि वे किसी भी संपत्ति के बारे में ये जांच कर सकता है कि वो वक्फ की संपत्ति है या नहीं। अगर बोर्ड किसी संपत्ति को अपना कहते हुए दावा कर दे तो इसके उलट साबित करना काफी मुश्किल हो सकता है। वक्फ एक्ट का सेक्शन 85 कहता है कि इसके फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती।

पहले भी कई मामले आ चुके हैं सामने 

कुछ समय पहले भाजपा के नेता हरनाथ सिंह ने आरोप लगाया था कि तमिलनाडु में वहां के स्टेट वक्फ बोर्ड ने तिरुचिरापल्ल जिले के एक पूरे गांव पर ही मालिकाना हक जता दिया था। महाराष्ट्र के सोलापुर में भी कुछ ऐसा केस आ चुका है। उत्तर प्रदेश में भी वक्फ बोर्ड ने साल 2022 में बड़े पैमाने पर संपत्तियों पर दावा जताया था। जिसके बाद योगी सरकार ने आदेश जारी किया कि वक्फ की सारी संपत्ति की जांच होगी... लेकिन सर्वे के नतीजे सामने नहीं आ सके। 

मुस्लिम संगठन कर कर रहें विरोध

एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने संशोधन की अटकलों के बीच गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि सरकार वक्फ बोर्ड की ऑटोनमी छीनना चाहती है, जो धर्म की आजादी के खिलाफ है। कई मुस्लिम संगठन भी बिल के विरोध कर रहे हैं।