WPI: इलेक्शन से पहले आलू-प्याज की थोक कीमतों में हुआ 50% से ज्यादा बढ़ोत्तरी
पिछले काफी समय से महंगाई में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है, जिनसे आम लोगों की कमर तोड़ दी है। इस बीच थोक महंगाई दर के नए आंकड़े सामने आये है। थोक महंगाई दर (WPI) मार्च महीने में मामूली रूप से बढ़कर 0.5 प्रतिशत हो गई है, यह पिछले महीने में 0.2 प्रतिशत थी।
WPI: पिछले काफी समय से महंगाई में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है, जिनसे आम लोगों की कमर तोड़ दी है। इस बीच थोक महंगाई दर के नए आंकड़े सामने आये है। थोक महंगाई दर (WPI) मार्च महीने में मामूली रूप से बढ़कर 0.5 प्रतिशत हो गई है, यह पिछले महीने में 0.2 प्रतिशत थी। सोमवार को सरकार की ओर से इससे जुड़े आंकड़े जारी किए गए। वहीं वाणिज्य मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सालाना आधार पर मार्च में बढ़कर 0.53 प्रतिशत हो गई, जोकि फरवरी में 0.20 प्रतिशत थी।
आलू-प्याज की कीमतों में मार्च में हुआ इजाफा
पिछले महीने के आंकड़े देखे जायें तो थोक प्याज की कीमतें फरवरी में 29.22 प्रतिशत बढ़ी थीं जो मार्च में 56.99 प्रतिशत तक बढ़ गईं। जिसके चलते भारत को अगली खरीफ फसल की कटाई तक प्याज की आपूर्ति में बड़ी कमी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं इस बीच, आलू के थोक मूल्य सूचकांक मार्च में 52.96 प्रतिशत बढ़े है जबकि फरवरी में इसमें 15.34 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। पिछले आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले मार्च महीने में प्याज की थोक कीमतों में 36.83 प्रतिशत और आलू में 25.59 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
थोक खाद्य मुद्राप्रसार में सालाना आधार पर हुआ 4.7% का इजाफा
बात करें अगर मार्च, 2024 के महीने के लिए WPI सूचकांक की तो महीने-दर-महीने का परिवर्तन फरवरी, 2024 की तुलना में 0.40 प्रतिशत रहा। वहीं थोक खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी में सालाना आधार पर 4.1 प्रतिशत बढ़ने के बाद मार्च में 4.7 प्रतिशत तक बढ़ गई और मासिक आधार पर खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी में 0.11 प्रतिशत बढ़ने के बाद अब मार्च में 1.01 प्रतिशत बढ़ी है।
ईंधन और बिजली की थोक कीमतों में हुई कमी
वहीं दूसरी ओर बात करें अगर खाद्य पदार्थों, बिजली, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मशीनरी और उपकरण और अन्य विनिर्माण आदि की तो मार्च, 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर की कीमतों में यह वृद्धि के कारण है। साथ ही कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र की थोक मुद्रास्फीति मार्च में 4.87 प्रतिशत बढ़ी जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 1.19 प्रतिशत की गिरावट आई थी साथ ही ईंधन और बिजली की मुद्राप्रसार मार्च में शून्य से 0.77 प्रतिशत घटी गई है।