UP Police recruitment: यूपी पुलिस संविदा भर्ती का लेटर वायरल, विभाग की हो रही किरकिरी, अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

उत्तर प्रदेश पुलिस में लिपिक संवर्ग में संविदा पर भर्ती के प्रस्ताव से जुड़ा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसे लेकर अब सियासत तेज हो गई है। वहीं, अब इस समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल उठाया है।

UP Police recruitment: यूपी पुलिस संविदा भर्ती का लेटर वायरल, विभाग की हो रही किरकिरी, अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

UP Police recruitment: उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) में लिपिक संवर्ग में संविदा पर भर्ती (Recruitment on contract in clerical cadre) के प्रस्ताव से जुड़ा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसे लेकर अब सियासत तेज हो गई है। वहीं, अब इस समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी (BJP) कहीं किसी दिन ‘सरकार’ ही आउटसोर्स न कर दे। हालांकि, इस पूरे मामले में पुलिस की सफाई भी आई है। 

वायरल लेटर को लेकर पुलिस की हो रही किरकिरी

पुलिस भर्ती का पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। विभागीय गलती से जारी हुए पत्र के कारण पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है। वायरल पत्र को लेकर विभाग को सफाई देनी पड़ी। पुलिस मुख्यालय ने साफ किया कि पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग पर रखे जाने की व्यवस्था है। इसे लेकर पत्र जारी किया जाना था, लेकिन त्रुटिवश लिपिक संवर्ग की संविदा पर भर्ती के विचार संबंधी पत्र जारी हो गया।

अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखी पोस्ट

उधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक लंबी पोस्ट लिखकर इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और सरकार पर भी निशाना साधा है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि उप्र में बीजेपी सरकार ने ‘पुलिस व्यवस्था’ के प्रति लापरवाही भरा नजरिया अपना रखा है, जिसकी वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। एक के बाद एक कार्यवाहक डीजीपी के बाद अब कुछ ‘पुलिस सेवाओं की आउटसोर्सिंग’ पर विचार किया जा रहा है। ठेके पर पुलिस होगी तो न ही उसकी कोई जवाबदेही होगी, न ही गोपनीय और संवेदनशील सूचनाओं को बाहर जाने से रोका जा सकेगा। 

सीधी स्थायी नियुक्ति से सरकार भाग क्यों रही है?- अखिलेश

अखिलेश ने आगे लिखा कि भाजपा सरकार (BJP government) जवाब दे कि जब पुलिस का अपना भर्ती बोर्ड है तो बाकायदा सीधी स्थायी नियुक्ति से सरकार भाग क्यों रही है? पुलिस सेवा में भर्ती के इच्छुक युवाओं की ये आशंका है कि इसके पीछे आउटसोर्सिंग का माध्यम बनाने वाली कंपनियों से ‘काम के बदले पैसा’ लेने की योजना हो सकती है क्योंकि सरकारी विभाग से तो इस तरह पिछले दरवाजे से ‘पैसा वसूली’ संभव नहीं है। अपने आरोप के आधार के रूप में वो कोरोना वैक्सीन बनाने वाली प्राइवेट कंपनी का उदाहरण दे रहे हैं, जिसे भाजपा ने नियम विरुद्ध जाते हुए, वैक्सीन बनाने वाली एक सरकारी कंपनी के होते हुए भी, वैक्सीन बनाने का ठेका दिया और उससे चंदा वसूली की।

‘पुलिस सेवा की आउटसोर्सिंग’ की ख़बर से युवाओं में उबाल- अखिलेश

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आगे लिखा- पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक से आक्रोशित युवाओं में इस तरह की ‘पुलिस सेवा की आउटसोर्सिंग’ की ख़बर से और भी उबाल आ गया है। आउटसोर्सिंग का ये विचार तत्काल त्यागा जाए और उप्र के युवाओं को नियमित, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सीधी नियुक्ति प्रक्रिया के माध्यम से नौकरी दी जाए। भाजपा कहीं किसी दिन ‘सरकार’ ही आउटसोर्स न कर दे।

पत्र में लिपिकों की संख्या कम होने की दी गई जानकारी

बता दें कि सोशल मीडिया पर जो पत्र वायरल हो रहा है उसमें लिखा है कि पुलिस विभाग में लगातार काम में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में लिपिकों की संख्या कम होने से काम प्रभावित हो रहा है। ऑफिसियल काम जल्द पूरा किया जा सके, इसके लिए लिपिकों की भर्ती जल्द किया जाना आवश्यक है। ऐसे में आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं लिये जाने पर विचार किया जा रहा है।