UP Madrasa Board: यूपी के मदरसों में अब होगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-कोडिंग की पढ़ाई, सरकार ने की तैयारी
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने अन्य बोर्ड से बराबरी करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के साथ मिलकर मदरसा शिक्षा परिषद में एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत मदरसा शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम में डिजिटल लिट्रेसी, कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को शामिल कर तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा।
UP Madrasa Board: यूपी सरकार प्रदेश के मदरसों के छात्र/छात्राओं को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए लगातार काम कर रही है। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग (Uttar Pradesh Minority Welfare Department) ने अन्य बोर्ड से बराबरी करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग (Basic education department) के साथ मिलकर मदरसा शिक्षा परिषद में एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत मदरसा शिक्षा परिषद (Madrasa Education Council) के पाठ्यक्रम में डिजिटल लिट्रेसी, कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को शामिल कर तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। इसको तहत आज 4 अक्टूबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बेसिक शिक्षा विभाग के साथ मिलकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर मदरसा शिक्षकों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान (Indira Gandhi Foundation) में आयोजित इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए शब्दकोश की चार पुस्तकों का विमोचन भी किया जाएगा। इस पुस्तकों में हिंदी से अवधी, हिंदी से ब्रज, हिंदी से बुंदेली और हिंदी से भोजपुरी षा शामिल हैं। यह पुस्तकें शिक्षकों को दी जाएंगी और वह इसके माध्यम से छात्र-छात्राओं को क्षेत्रीय भाषा में भी पढ़ाई कराएंगे। वहीं, 13 जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) को सेंटर आफ एक्सीलेंस में तब्दील किया जाएगा। इसके साथ ही परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व का मूल्यांकन किया जाना है। इसके लिए उन्हें पूरा रिपोर्ट कार्ड दिया जाएगा। इसमें क्लास में उनके व्यवहार व नैतिकता के भी अंक जोड़े जाएंगे।
अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री धर्मपाल सिंह (Minister Dharampal Singh) ने बताया कि बच्चों का आधार प्रमाणीकरण कराया गया है। वर्तमान में प्रदेश के 16,513 मदरसों में 13,92,325 छात्र/छात्राएं अध्ययनरत हैं। मदरसों में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा पुस्तकें उपलब्ध करायी जा रही हैं। अभी तक कुल 1275 मदरसों में कम्प्यूटर दिये जा चुके हैं। 7442 मदरसों में बुक बैंक, विज्ञान किट व गणित किट दिये जा चुके हैं।
अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग के नेतृत्व में टीम ने मदरसों और स्कूलों के अध्यापकों को एआई की जानकारी देने के लिए विषय विशेषज्ञों के सहयोग से 22 वीडियो बनाए हैं। एआई की शिक्षा में निवेश आने वाली पीढ़ियों में किया गया निवेश है। इसमें मदरसों के छात्रों को इस नई तकनीक की जानकारी मिलने से वो नई टेक्नोलॉजी का अध्ययन विश्वस्तरीय कॉलेजों में कर पायेंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश में कुल 16,513 मदरसे हैं, जिसमें 560 राज्यानुदानित और 121 मदरसों में मिनी आई टीआई संचालित हैं। प्रदेश की सरकार ने मदरसों को मुख्य धारा से जोड़ने और अन्य बोर्डों की तरह शिक्षा प्रदान करने के लिए समय-समय पर जरूरी बदलाव किये हैं।
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा संचालित मदरसों में अध्ययनरत छात्रों के ज्ञान को विस्तारण देना, समसामयिक शिक्षा को प्रोत्साहन देना, सामाजिक एवं राष्ट्रीय एकता का विकास करना और उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता प्रशासन एवं सेवा विनियमावली 2016 में संशोधन किया गया और शैक्षिक सत्र 2017 से मदरसों में शिक्षण का माध्यम उर्दू के साथ-साथ हिन्दी और अंग्रेजी किया गया।