Transgender sexual violence: ट्रांसजेंडर्स यौन हिंसा का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, जेल में अलग से शौचालय और लॉकअप की मांग
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रांसजेंडर्स की ओर से याचिका दायर की गई है। ये याचिका पंजाब के पुलिस स्टेशन और जेल में अलग से शौचालय व लॉकअप की मांग को लेकर दायर की गई है। इस याचिका को लेकर पंजाब सरकार को नोटिस भी भेजा गया है।
Transgender sexual violence: पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab Haryana High Court)में ट्रांसजेंडर्स की ओर से याचिका दायर की गई है। ये याचिका पंजाब के पुलिस स्टेशन और जेल में अलग से शौचालय व लॉकअप की मांग को लेकर दायर की गई है। इस याचिका को लेकर पंजाब सरकार को नोटिस भी भेजा गया है। जिसके जवाब में पंजाब पुलिस का कहना है कि ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं है।
क्या है मामला
साल 2023 में वकील सनप्रीत सिंह द्वारा उच्च न्यायालय में ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग से शौचालय व लॉकअप की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी। इसमें सनप्रीत ने कहा था कि, ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में पहचाना जाता है। राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण(NALSA) में शीर्ष अदालत के फैसले के मद्देनजर ट्रांसजेंडर को किसी भी प्रकार के मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न से बचाने के लिए जेलों के अंदर अलग सेल, वार्ड, बैरक और शौचालय बनाए जाने चाहिए। साथ ही हर एक पुलिस स्टेशन में ट्रांसजेंडरों के लिए अलग-अलग लॉकअप भी बनाए जाने चाहिए। आज एक बार फिर इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल ने की। बता दें कि, कोर्ट की तरफ से अब इस मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 27 सितंबर को निर्धारित की गई है।
यौन हिंसा का शिकार बनते हैं ट्रांसजेंडर्स
दायर की गई याचिका में जेल के अंदर ट्रांसजेंडर कैदियों के साथ यौन हिंसा का शिकार होने की बात कही गई थी। इसमें आगे कहा गया है कि जेल में बंद पुरुष कैदियों द्वारा ट्रांसजेंडर्स के साथ दुर्व्यवहार का एक बड़ा खतरा होता है। वहीं इस याचिका पर विचार करते हुए कोर्ट ने पंजाब सरकार, हरियाणा सरकार और भारत सरकार से जवाब मांगा था।
पंजाब पुलिस ने पेश किया हलफनामा
पंजाब पुलिस (punjab police) ने इस मामले में उच्च न्यायालय के समक्ष अपना हलफनामा पेश किया है। जिसमें कहा गया कि जिला पुलिस स्टेशनों में ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग लॉकअप का कोई प्रावधान नहीं है और ऐसे कोई अलग शौचालय उपलब्ध नहीं हैं।
पुलिस स्टेशन में ट्रांसजेंडर्स की ऐसे होती है पहचान
जब किसी ट्रांसजेंडर को पुलिस स्टेशन या हवालात में ले जाया जाता है, तो ट्रांसजेंडर की पहचान दो तरीको से की जाती है। पहली मेडिकल जांच के माध्यम से और दूसरी फॉर्म में ट्रांसजेंडर द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज, प्रमाण पत्र या पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड और वोटर कार्ड आदि के माध्यम से सुनिश्चित की जाती है।