Deepak jalane ke tips: दीपक जलाते समय इस बात का रखें खास ध्यान, वरना हो सकता है नुकसान
हिन्दू धर्म में हर भगवान को अलग अलग फल और फूल पसंद होता है। ठीक उसी प्रकार आज हम आपको बतायेंगे कि हर भगवान को चढ़ाने के लिए कौन से तेल के दीपक का उपयोग करना चाहिए।
Deepak jalane ke tips: सनातन धर्म में पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है। पूजा में दीप जलाने का मुख्य स्थान है। पूजा के समय दीपक जलाना बेहद आवश्यक होता है। भगवान की पूजा से लेकर हवन तक में दीपक जलाना बेहद ही शुभ माना जाता है। जिस तरह से हर देवी-देवताओं को अलग-अलग फूल, भोग और पुष्प पसंद होता है ठीक उसी तरह से सभी देवी-देवताओं के लिए अलग-अलग तेल के दीये को जलाना लाभदायक होता है। सभी देवी – देवताओं के पसंद का दीपक जलाने से उनकी कृपा बढ़ जाती है।
मां लक्ष्मी
हर घर में माता लक्ष्मी की पूजा होती है और हम सबको उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए उनके सामने घी का दीपक जलाना चाहिए। माना जाता है कि गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी तो प्रसन्न होती ही हैं साथ ही इससे घर से मौजूद नकारात्मकता भी खत्म होती है। घी का दीपक वास्तु दोष समाप्त करने में भी कारगर सिद्ध होता है। इसलिए शाम के समय मुख्य द्वार पर घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए।
हनुमान जी
पवनपुत्र हनुमान जी को चमेली का तेल बेहद प्रिय होता है। मान्यता है कि हनुमान जी को चमेली का तेल चढ़ाने से भूत-प्रेत का साया नहीं रहता है। मान्यता है कि हनुमानजी को चमेली का तेल और फूल चढ़ाने से वह प्रसन्न रहते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। यदि आपके घर का कोई सदस्य बीमार है तो हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए चमेली के तेल का दीपक जलाना चाहिए। चमेली के तेल का दीपक तीन कोनों में जलाना चाहिए, इससे संकट मोचन हनुमान जी का विशेष कृपा प्राप्त होती है।
शनि देव
शनि देव के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाने से सभी संकट दूर हो जाते है क्योंकि शनि देव को सरसों का तेल प्रिय है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन का सभी बाधाएं दूर होती हैं और उसे हर काम में सफलता मिलती है। माना जाता है कि सरसों के तेल में लाल रंग के कलावे की बत्ती बनाकर डालने से व्यक्ति को शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
राहु-केतु
राहु- केतु को प्रसत्र करने के लिए अर्थात उन्हे शांत करने के लिए तिल के तेल का उपयोग करना चाहिए। मान्यता है कि तिल के तेल का दीपक जलाने से व्यक्ति को शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है।