Rent Agreement: यूपी में मकान मालिकों और किरायेदारों के लिए राहत की खबर, अब ऑनलाइन होगा रेंट एग्रीमेंट
उत्तर प्रदेश में मकान मालिकों और किरायेदारों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब रेंट अग्रीमेंट बनवाने के लिए मकान मालिकों और किरायेदारों को कचहरी और वकील के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके साथ ही उनके समय और पैसे दोनों की बचत भी होगी।
Rent Agreement: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मकान मालिकों और किरायेदारों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब रेंट अग्रीमेंट (rent agreement) बनवाने के लिए मकान मालिकों और किरायेदारों को कचहरी और वकील के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके साथ ही उनके समय और पैसे दोनों की बचत भी होगी। स्टांप व रजिस्ट्रेशन विभाग (Stamp and Registration Department) रेंट अग्रीमेंट (Rent Agreement) बनाने की इस प्रक्रिया को आसान करने की तैयारी कर रहा है।
रेंट अग्रीमेंट के लिए पोर्टल बना रहा विभाग
स्टांप व रजिस्ट्रेशन विभाग (Stamp and Registration Department) रेंट अग्रीमेंट बनाने के लिए ऑनलाइन एक पोर्टल बना रहा है, जिसमें रेंट एग्रीमेंट का एक प्रोफॉर्मा होगा। इस प्रोफॉर्मा को भरकर मकान मालिक और किराएदार रेंट एग्रीमेंट बनवा सकेंगे। इस प्रोफॉर्मा में मकान मालिक और किराएदार को अपनी सभी जानकारियां भरनी होंगी। इसके साथ ही आवश्यक प्रमाण पत्रों को अपलोड करना होगा। इस प्रक्रिया के बाद मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच रेंट एग्रीमेंट का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। इसके लिए फीस भी ऑनलाइन जमा करनी होगी।
1 से 1.5% तक कम होगी फीस
रेंट एग्रीमेंट ऑनलाइन बनवाने में समय के साथ ही पैसे की भी बचत होगी। फीस को कम करके किराए का 1 से 1.5 प्रतिशत तक किया जा सकता है। बता दें कि अभी तक रेंट एग्रीमेंट में किराए की 2 प्रतिशत की फीस लगती है। एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि, हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के सामने इसका प्रस्ताव पेश किया गया था। इस दौरान सीएम योगी (CM Yogi) ने रेंट एग्रीमेंट की फीस और कम करने के निर्देश दिए थे। इसके आधार पर विभाग रेंट एग्रीमेंट की फीस में कमी करेगा।
पहले कुछ शहरों में शुरू की जाएगी व्यवस्था
स्टांप व रजिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारी के मुताबिक, ये प्रक्रिया अगले महीने से शुरू हो जाएगी। शुरुआत में इस व्यवस्था को पायलट रन के आधार पर प्रदेश के कुछ बड़े शहरों जैसे लखनऊ (Lucknow), प्रयागराज, मेरठ, वाराणसी में चलाया जाएगा। इसके बाद इस व्यवस्था को धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।