Ram Mandir Pran Pratishtha Today News: मुश्किल में जान बचाएगी आधुनिक श्रीराम मुद्रिका
22 जनवरी के राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश में राममय माहौल है। इसी बीच गोरखपुर के छात्रों ने एक ऐसी अनूठी मुद्रिका (अंगूठी) तैयार की है, जो की सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की जान बचाएगी।
Ram Mandir Pran Pratishtha Today News: 22 जनवरी के राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश में राममय माहौल है। इसी बीच गोरखपुर के छात्रों ने एक ऐसी अनूठी मुद्रिका (अंगूठी) तैयार की है, जो की सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की जान बचाएगी। आईटीएम गीडा गोरखपुर की कंप्यूटर साइंस बीटेक की तीन छात्रा अमृता सिंह, संगीता कुमारी और अमृता मौर्या ने मिलकर अपने शिक्षक विनीत राय के देख-रेख में श्रीराम नाम की एक ऐसी अंगूठी तैयार की है, जो सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की मदद करेगी।
सड़क दुर्घटना से जान बचाने में सक्षम
छात्रा (ITM GIDA Gorakhpur) संगीता ने बताया कि हर माह देश भर में सड़क दुर्घटना में हजारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। इसमें ज्यादातर लोग समय से अस्पताल ना पहुंच पाने के कारण असमय ही काल के गाल में समा जाते हैं। इन्हीं सबको ध्यान में रखते हुए हमने अपने साथियों के साथ मिलकर राम नाम की एक आधुनिक अंगूठी तैयार की है। जो लोगों की समय रहते जान बचाने में सक्षम है।
मोबाइल ब्लूटूथ से कनेक्ट कर सकते हैं
उन्होंने बताया कि वाहन चलाते वक्त इस अंगूठी को आप अपने मोबाइल के ब्लूटूथ से अटैच कर इस्तेमाल कर सकते हैं। अंगूठी में एक स्विच बटन लगा होता है, ये बटन ब्लूटूथ के माध्यम से मोबइल के इमरजेंसी नम्बर से कनेक्ट होता है। जरूरत पड़ने पर अंगूठी में लगे सेंसर बटन दबाकर बिना मोबाइल को टच किये ही परिवार और एम्बुलेंस नम्बर को कॉल और लोकेशन भेज सकते हैं l जिससे समय रहते दुर्घटना स्थल तक पहुंच कर घायल व्यक्ति की जान बचाई सकती है।
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इससे एक्सिडेंट में काफी कमी आयेगी
अमृता ने बताया कि अंगूठी को बनाने नें 1100 रूपये का खर्च आया है और पांच दिनों का समय लगा है। वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया कि इस प्रकार के नवाचार को बढ़ावा देना चाहिए। यह बहुत ही कारगर डिवाइस है। इसके माध्यम एक्सिडेंट में काफी कमी आयेगी। ये नई तरह की सुरक्षा प्रणाली है।
समय से अस्पताल न पहुंचने जान जा रही
संस्थान के निदेशक एनके. सिंह ने बताया कि इस दौरान देखने को मिला है कि दुर्घटना के बाद समय से अस्पताल न पहुंचने के कारण सबसे ज्यादा जान जा रही है। इस कारण हमारे संस्थान के बच्चों ने यह नवाचार किया है। जो आम लोगों की जान बचाने में काफी कारगर होगा।