Ram Mandir Iinvitation to Kinnar: किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर को मिला प्राण प्रतिष्ठा का न्योता, बोली हमारा भी वनवास खत्म
निमंत्रण पत्र मिलने को लेकर वो काफी भावुक हैं और उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है। महाराज ने कहा कि ये किन्नर समाज के लिए अत्यंत खुशी और भावुक कर देने वाला पल है।
Ram Mandir Iinvitation to Kinnar: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर आए दिन कोई न कोई नई खबर सामने आती है। राम मंदिर ट्रस्ट फिल्मी सितारों से लेकर राजनीतिक लोगों को निमंत्रण पत्र बांट रहा है। इसी कड़ी में आज नाम सामने आया है किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर का। राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी को प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण पत्र मिला है। निमंत्रण पत्र मिलने को लेकर वो काफी भावुक हैं और उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है। महाराज ने कहा कि ये किन्नर समाज के लिए अत्यंत खुशी और भावुक कर देने वाला पल है। इस खुशी को मैं शब्दों में नहीं बयां कर सकती। उन्होंने कहा कि सनातन धर्मावलंबियों के साथ ही किन्नर समाज भी इस तारीख का बेसब्री से इंतजार कर रहा था।
सौभाग्य की बात है
महामंडलेश्वर (Kaushalya Nand Giri Ji Maharaj) का कहना है कि रामलला 500 सालों से कुटिया में विराजमान थे, जिसके बाद अब भव्य और दिव्य भवन में विराजमान होंगे। इस ऐतिहासिक पल को मैं अपनी नग्न आंखों से साक्षी बनने जा रही हूं, इसका मुझे बहुत खुशी है। ये मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। ये सनातन धर्म की जीत है। ये सत्य की जीत है। सत्य ही सनातन धर्म है। हम अपने-अपने घरों में ढोल-बाजा बजाकर कीर्तन कर रहे हैं।
हर दौर में रहा है किन्नरों का जिक्र
कौशल्या नंद जी (Mahamandaleshwar) कहती हैं कि चाहे वो महाभारत का दौर रहा हो या फिर रामायण का सभी में किन्नरों का जिक्र रहा है। जहां तक बात मुगलों और अंग्रेजों के शासन की है तो उन लोगों ने किन्नरों के अस्तित्व को खत्म करने की भरपूर कोशिश की थी हालांकि इतने प्रहार होने के बाद भी किन्नर समाज जिंदा है। हम अपने अस्तित्व की लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक लड़ी है। और ये कहीं न कहीं यह साबित करता है कि किन्नर सत्य हैं। सनातन धर्म सत्य है।
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किन्नरों का भगवान राम से है बचपन से नाता
कौशल्या नंद गिरी महाराज ने बताया कि भगवान राम के जन्म के वक्त किन्नरों ने उन्हें अपनी गोद में खिलाया था। वहीं एक और कहानी बताते हुए उन्होंने कहा कि जब भगवान राम वनवास जा रहे थे तो सभी नर, नारी और किन्नर उन्हें विदा करने अयोध्या से बाहर तक गए थे। वहां पर भगवान राम ने नर और नारियों को लौटने का आदेश तो दिया पर किन्नरों के लिए कोई आदेश नहीं दिया। इसलिए जब किन्नर समाज को कोई आदेश नहीं मिला ताे उन्होंने वहीं घास की कुटिया बनाकर 14 साल बिता दिया।
भगवान राम के वनवास के साथ खत्म हुआ किन्नरों का वनवास
भगवान राम जब वापस अयोध्या आए तो अयोध्या के बाहर किन्नरों को कुटिया में देख कर उनसे कारण पूछा। जवाब मिला कि आप ने वनवास जाते समय नर और नारी को लौटने का आदेश दिया था पर किन्नरों के लिए कोई आदेश नहीं दिया था। ऐसे में हमने यहीं रुककर आपका 14 सालों तक इंतजार किया। इस पर प्रभु श्री राम खुश होकर बोले थे कि जाओ कलयुग में आपका राज होगा। आपका आशीर्वाद भी लगेगा और श्राप भी।