Sakshi Mallik: साक्षी मलिक ने किया कुश्ती छोड़ने का ऐलान, संजय सिंह के WFI अध्यक्ष चुने जाने से हुई हैं आहत
साक्षी मलिक भावुक हो गईं और कुश्ती त्यागने का ऐलान कर दिया। साक्षी ने कहा कि चुने गए नए अध्यक्ष संजय सिंह बृजभूषण सिंह के पार्टनर हैं।
Sakshi Mallik: भारतीय जानता पार्टी (BJP) के सांसद बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) के करीबी संजय सिंह के कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष चुने जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। इसी के चलते साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। आज गुरुवार 21 दिसंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेस आयोजित कर साक्षी मलिक ने इसका ऐलान किया है। पहलवान साक्षी ने कहा, हम 40 दिनों तक सड़कों पर सोए और देश के कई हिस्सों से बहुत सारे लोग हमारा समर्थन करने आए। लेकिन आज बृज भूषण सिंह के बिजनेस पार्टनर और करीबी को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है, जिसके चलते मैं कुश्ती छोड़ रही हूं।
अध्यक्ष बने बृजभूषण के करीबी
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चुनाव में बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह अध्यक्ष चुने गए हैं। इसको लेकर बृजभूषण के खिलाफ धरना देने वाले रेसलर नाखुश हैं। बता दें कि बीते दिनों महिला रेसलेर्स ने पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिलाओं के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिसके बाद WFI ने उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया था।
कुश्ती त्यागने का ऐलान
दिल्ली में गुरुवार शाम को रेसलर बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। इस दौरान साक्षी मलिक भावुक हो गईं और कुश्ती त्यागने का ऐलान कर दिया। इस दौरान उन्होंने अपने जूते उठाकर टेबल पर रख दिए और उठकर वहां से चली गईं। साक्षी ने कहा कि चुने गए नए अध्यक्ष संजय सिंह बृजभूषण सिंह के पार्टनर हैं। जब तक बृजभूषण सिंह और उनके जैसे लोग कुश्ती संघ से जुड़े हैं न्याय की उम्मीद नहीं है। ऐसे में मैं आज से ही अपनी कुश्ती त्यागती हूं। आज से आप मुझे मैट पर नहीं देखेंगे।
महिला प्रेसिडेंट की मांग
साक्षी मलिक ने कहा कि पहलवानों ने WFI में महिला प्रेसिडेंट की मांग की थी, लेकिन सब जानते हैं कि बृजभूषण का तंत्र कितना मजबूत है। मैं और बजरंग पूनिया गृहमंत्री से मिले थे। हमने बाकायदा लड़कियों के नाम लेकर उन्हें बताया था कि रेसलिंग को बचा लें, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
नहीं पूरी हुई उम्मीद
वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद बजरंग पूनिया ने कहा कि पूरा देश जानना चाहता है कि खिलाड़ी इतने दिन चुप क्यों थे। हमने पिछले साल जनवरी में धरना दिया था। उसके बाद एक कमेटी बनाई गई। हम पहले सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे थे। अब बहन-बेटियों की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारे अंदर जितना दम था, हम लड़े लेकिन सरकार से जो उम्मीद थी वो पूरी नहीं हुई।