PM Modi 2 day In Russia:राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी की मानी बात, वापस लौटेंगे युद्ध में तैनात भारतीय - सूत्र

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिवसीय रुस दौरे (Prime Minister Narendra Modi 2-day visit to Russia) है।इस दौरान उन्होंने पहले दिन रुसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। रूस ने यूक्रेन में उसकी ओर से लड़ रहे सभी भारतीयों को रिहा करने और उनकी वापसी में मदद करने का फैसला किया है।

PM Modi 2 day In Russia:राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी की मानी बात, वापस लौटेंगे युद्ध में तैनात भारतीय - सूत्र

PM Modi 2 days in Russia: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिवसीय रुस दौरे (Prime Minister Narendra Modi 2-day visit to Russia) है।इस दौरान उन्होंने पहले दिन रुसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। रूस ने यूक्रेन में उसकी ओर से लड़ रहे सभी भारतीयों को रिहा करने और उनकी वापसी में मदद करने का फैसला किया है।

वापस लौटेंगे युद्ध में तैनात भारतीय - सूत्र

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉस्को यात्रा के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) के समक्ष यह मुद्दा उठाया। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार शाम को पुतिन द्वारा आयोजित एक निजी रात्रिभोज में इस मुद्दे को उठाया था जिस पर रूसी राष्ट्रपति ने सकारात्मक रूख दिखाया। ऐसा माना जाता है कि करीब दो दर्जन भारतीयों को अच्छे वेतन का झांसा दे एजेंटों ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में शामिल होने के लिए मजबूर किया था। मार्च में, भारत सरकार ने कहा था कि उन्होंने उनकी शीघ्र रिहाई के लिए रूसी अधिकारियों के समक्ष इस मामले को "दृढ़ता से" उठाया था। उन्होंने कहा था, "झूठे बहाने कर और वादों पर उन्हें भर्ती करने वाले एजेंटों और बेईमान तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की गई है।" रिपोर्ट के अनुसार, युद्ध में चार भारतीय मारे गए, जबकि 10 देश वापस आ गए हैं।

35-40 भारतीय अभी भी रूस में फंसे हुए

माना जाता है कि लगभग 35-40 भारतीय अभी भी रूस में फंसे हुए हैं। यूक्रेन युद्ध में रूस के लिए लड़ रहे भारतीयों के बुरे हालात नई दिल्ली के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है। हाल के महीनों में, भारतीयों के बारे में रिपोर्टें सामने आई हैं जो नौकरी की धोखाधड़ी का शिकार हो रूस पहुंच गए। इन धोखेबाजी के शिकार युवकों को रूसी सेना की ओर से लड़ने को मजबूर किया गया। ऐसे ही एक समूह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई थी और सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। दरअसल, रूसी सेना में दूसरे देश के नागरिकों को भर्ती किए जाने की मनाही नहीं है। भारत के विदेश मंत्रालय कह चुका है कि वह एजेंटों द्वारा धोखे से रूसी सेना में भर्ती कराए गए भारतीयों को वापस लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कही ये बात

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (India's Foreign Minister S. Jaishankar) ने भी इसे भारत के लिए "बहुत गहरी चिंता" का मुद्दा बताया था। कहा था कि इस गंभीर मसले पर पिछले कुछ महीनों से रूस के साथ बातचीत जारी है। इस साल की शुरुआत में यूक्रेन युद्ध में दो भारतीयों अश्विनभाई मंगुकिया और मोहम्मद असफान (दोनों गुजरात से) के मारे गए थे। वहीं, जून में दो अन्य के मारे जाने की भी खबर आई थी। भारत का मानना है कि संघर्ष की स्थिति में रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती, भारत-रूस कूटनीतिक साझेदारी के अनुरूप नहीं है, और ऐसे सभी भारतीय नागरिकों की जल्द रिहाई और वापसी की मांग उठाता रहा है। भारत ने भविष्य में ऐसी भर्तियों को रोकने की भी मांग की है। ऐसी पृष्ठभूमि में, पीएम मोदी की यात्रा के दौरान यह सफलता रूस में फंसे लोगों के परिवारों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है।

रूस यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार मास्को पहुंचे पीएम

प्रधानमंत्री मोदी सोमवार शाम को मास्को पहुंचे, जो रूस यूक्रेन युद्ध के बाद उनकी पहली यात्रा है। रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव (First Deputy Prime Minister of Russia Denis Manturov) ने हवाई अड्डे पर पीएम मोदी की अगवानी की। प्रधानमंत्री मंगलवार को पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और मास्को में 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन (22nd India-Russia Summit) में भी भाग लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी मास्को के साथ दीर्घकालिक संबंध बनाए रखने और पश्चिमी सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। यह यात्रा पीएम मोदी की तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद पहली यात्रा भी है।