New Hit and Run law: ड्राइवर्स की हड़ताल का यूपी में करोड़ों के कारोबार पर पड़ा असर
देशभर में 4 दिनों की हड़ताल के चलते सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही करीब 5 हजार करोड़ के कारोबार के नुकसान होने का अनुमान है। डीजल पेट्रोल, सब्जियों समेत गल्ले के कारोबार पर असर पड़ा है।
New Hit and Run law: हिट एंड रन कानून के विरोध में यूपी समेत देशभर के ट्रक और बसों के ड्राइवर्स ने हड़ताल खत्म कर दी। मंगलवार देर शाम केंद्र सरकार और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के बीच हड़ताल खत्म करने पर सहमति बन गई। देशभर में 4 दिनों की हड़ताल के चलते सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही करीब 5 हजार करोड़ के कारोबार के नुकसान होने का अनुमान है। डीजल पेट्रोल, सब्जियों समेत गल्ले के कारोबार पर असर पड़ा है।
पेट्रोल पंप पर दिखा सबसे ज्यादा असर
चालकों की हड़ताल का सबसे ज्यादा असर पेट्रोल पंप पर देखने को मिला। लखनऊ-कानपुर समेत यूपी के कई जिलों में पंप पर 1 से 2 किलोमीटर तक लंबी लाइनें लग गईं। राजधानी लखनऊ में करीब 100 से ज्यादा पंप पर मंगलवार रात 10 बजे तक पेट्रोल खत्म हो गया था। इस दौरान हालात इतने बिगड़ गए कि ज्यादातर पेट्रोल पंप पर पुलिस तैनात करनी पड़ी। इसके बाद लोगों को पेट्रोल दिया गया।
इतना ही नहीं, डीएम सूर्यपाल गंगवार को देर रात मीटिंग करनी पड़ी। उन्होंने खुद डिपो पहुंचकर तेल कंपनियों को सप्लाई देने के लिए कहा। इसके साथ ही उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर, जनता से अफवाहों से बचने की अपील की। यूपी पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन के सदस्य सुधीर बोरा के मुताबिक, प्रदेश भर में 8500 से ज्यादा पेट्रोल पंप हैं। जिसमें से करीब 3 हजार पेट्रोल पंप महज कुछ घंटों के अंदर ही बंद हो गए थे।
4 लाख वाहन हड़ताल में हुए बंद
द ट्रक और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण अवस्थी का कहना है, नए हिट-एंड-रन कानून के विरोध में ''40 से 50फीसदी ड्राइवर ही हड़ताल में शामिल हुए थे। प्रदेश में छोटे-बड़े सब मिलाकर 9 लाख से ज्यादा कॉमर्शियल वाहन हैं। इसमें करीब 4 लाख वाहन चलना बंद हो गए थे, क्योंकि उनके ड्राइवर हड़ताल में शामिल थे... इसका सीधा असर कारोबार पर पड़ा है। केंद्र सरकार और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के बीच सहमति बनने के बाद 80 फीसदी ड्राइवर काम पर लौट आए हैं।
800 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ प्रभावित
यूपी की राजधानी लखनऊ में ट्रांसपोर्ट नगर, पांडेय गंज, यहियागंज, नाका समेत शहर के 350 से ज्यादा बाजारों में करीब 800 करोड़ से ज्यादा का माल नहीं पहुंच पाया। चीनी और आटा कारोबारी अमित अग्रवाल का कहना है कि गाड़ियों की कमी के कारण अचानक माल भाड़ा महंगा हो गया। सीतापुर से जो सामान पहले 40 रुपए क्विंटल आता था, वह 70 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। ऐसे में ज्यादातर लोगों ने माल मंगाना बंद कर दिया।