Nag Panchmi 2024:मध्य प्रदेश में नाग पंचमी की धूम, उज्जैन में नागचंद्रेश्वर मंदिर के खुले पट
मध्य प्रदेश में नाग पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है।धार्मिक नगरी उज्जैन में नाग पंचमी के मौके पर महाकालेश्वर मंदिर से लेकर नाग चंद्रेश्वर मंदिर में श्रद्धालु उमड़े हैं। साल में एक बार खुलने वाले नागचंद्रेश्वर मंदिर के देर रात को पट खोल दिए गए।
Nag Panchmi 2024:मध्य प्रदेश में नाग पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है।धार्मिक नगरी उज्जैन में नाग पंचमी के मौके पर महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) से लेकर नाग चंद्रेश्वर मंदिर में श्रद्धालु उमड़े हैं। साल में एक बार खुलने वाले नागचंद्रेश्वर मंदिर के देर रात को पट खोल दिए गए। राज्य में नाग पंचमी का पर्व उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है।
साल में एक बार खुलता है उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट
शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। उज्जैन के नाग चंद्रेश्वर मंदिर (Nagchandreshwar Temple of Ujjain) के नाग पंचमी के मौके पर पट खुलते हैं। साल में एक बार ही ऐसा अवसर आता है जब इस मंदिर के पट खुलते हैं। गुरुवार- शुक्रवार की मध्य रात्रि को पंचायती अखाड़े के महंत विनीत गिरी महाराज और महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर नीरज सिंह ने विधि विधान से पूजा की और मंदिर के पट खोले। यह पट शुक्रवार की रात को 12 बजे तक खुले रहेंगे।
लाखों की तादाद में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु
नाग पंचमी के मौके पर नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन का विशेष महत्व है और यही कारण है कि देश के अलग-अलग हिस्सों के लोग यहां विशेष अनुष्ठान करने के लिए पहुंचते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत न आए इसके लिए प्रशासन की ओर से खास इंतजाम किए गए हैं। यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर स्थित है और यहां 11वीं शताब्दी की प्रतिमा नेपाल से लाकर स्थापित की गई है। ऐसी प्रतिमा है जिसमें नाग चंदेश्वर को सात नाग ढके हुए हैं ,साथ में शिव पार्वती और उनके वाहन नंदी और सिंह भी विराजमान है। राज्य में नाग पंचमी के मौके पर देवालयों से लेकर अन्य स्थानों पर भी विशेष आयोजनों का सिलसिला जारी है। कहीं विशेष पूजा अर्चना हो रही है तो कहीं धार्मिक अनुष्ठानों के साथ भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है। इतना ही नहीं कई स्थानों पर मेले भी भरे हैं और श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचकर पूजा अर्चना करने के अलावा मेलों का भी आनंद ले रहे हैं।