Delhi: श्रीलंका मानव तस्करी मामले में कुख्यात तस्कर सहित दो चढ़े एनआईए के हत्थे
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मोहम्मद इमरान खान उर्फ हाजा नजरबीडेन को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने रविवार को कहा कि खान क्षेत्र में अवैध गतिविधियों का लंबा इतिहास रखने वाला एक कुख्यात तस्कर है और श्रीलंकाई मानव तस्करी मामले में एक प्रमुख व्यक्ति है।
Delhi: रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (INA) ने मोहम्मद इमरान खान उर्फ हाजा नजरबीडेन को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने कहा कि खान क्षेत्र में अवैध गतिविधियों का लंबा इतिहास रखने वाला एक कुख्यात तस्कर है और श्रीलंकाई मानव तस्करी मामले में एक प्रमुख व्यक्ति है। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, ''एजेंसी की एस्कॉन्डर ट्रैकिंग टीम (एटीटी) ने 39 वर्षीय खान को तमिलनाडु के थेनी जिले के एक अज्ञात स्थान से गिरफ्तार किया है।
अधिकारी ने कहा कि मामले में एक प्रमुख व्यक्ति खान जून 2021 से फरार था। पिछले कई महीनों से एटीटी बेंगलुरु नियमित रूप से उसकी गतिविधियों पर नजर रख रही थी, बाद में उसे गिरफ्तार किया गया। शुरुआती जांच के दौरान तमिलनाडु के रामनाथपुरम निवासी खान एक कुख्यात तस्कर के रूप में सामने आया, जिसका क्षेत्र में अवैध गतिविधियों का लंबा इतिहास था। वह विभिन्न अवैध कार्यों में शामिल होने के कारण कई कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा वांछित भगोड़ा था।
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि खान ने पूर्व में लिट्टे से जुड़े एक श्रीलंकाई नागरिक ईसान के साथ मिलकर 38 श्रीलंकाई नागरिकों को उनके गृह देश से अवैध रूप से तमिलनाडु के विभिन्न स्थानों पर ले जाने की योजना तैयार की थी। उन्होंने इन व्यक्तियों को झूठे वादों का लालच दिया, जिसमें कनाडा में प्रवास के लिए वैध दस्तावेज प्राप्त करने और रोजगार के अवसर हासिल करने की संभावना भी शामिल थी। अधिकारी ने कहा कि खान ने अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर श्रीलंकाई नागरिकों को बेंगलुरु और मंगलुरु के विभिन्न स्थानों पर तस्करी की।
अधिकारी ने कहा, "जांच में पाया गया कि खान अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी से जुड़ी एक व्यापक साजिश में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति है। उसने श्रीलंकाई नागरिकों को उनके गृह देश से भारत और उसके बाद अन्य देशों में ले जाने के लिए जिम्मेदार मुख्य माध्यम के रूप में काम किया।" रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला तब सामने आया जब मैंगलोर दक्षिण पुलिस ने विश्वसनीय खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए खुलासा किया कि श्रीलंकाई नागरिकों का एक समूह वैध दस्तावेजों के बिना मैंगलोर आया था और उसने यहां निवास किया था।
इस ऑपरेशन के कारण 6 जून 2021 को मैंगलोर से 38 श्रीलंकाई नागरिकों की गिरफ्तारी हुई। जांच से पता चला कि श्रीलंकाई नागरिकों को श्रीलंका से तमिलनाडु और बेंगलुरु के रास्ते मैंगलोर लाया गया था। मामले के अंतरराष्ट्रीय आयामों को पहचानते हुए एनआईए ने हस्तक्षेप किया और मामले को फिर से दर्ज किया। एनआईए ने इस मामले में पांच भारतीय आरोपी व्यक्तियों, दिनाकरन, कासी विश्वनाथन, रसूल, साथम उशेन और अब्दुल मुहीतु के खिलाफ 5 अक्टूबर, 2021 को प्रारंभिक आरोप पत्र दायर किया था।
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