Mukhtar Ansari : मु्ख्तार अंसारी की बढ़ी मुश्किलें, फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में उम्रकैद की सुनाई सजा

लोकसभा चुनाव से पहले माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई है। मुख्तार अंसारी को फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही उनपर दो लाख दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

Mukhtar Ansari : मु्ख्तार अंसारी की बढ़ी मुश्किलें, फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में उम्रकैद की सुनाई सजा

Mukhtar Ansari: लोकसभा चुनाव से पहले माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई है। मुख्तार अंसारी को फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही उनपर दो लाख दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मुख्तार को 33 साल 3 महीने 9 दिन पुराने गाजीपुर के फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में बुधवार को सजा सुनाई गई। अंतरराज्यीय गिरोह (आईएस-191) का सरगना और माफिया मुख्तार अंसारी वर्तमान समय में बांदा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। 

उम्रकैद की सजा के साथ लगा जुर्माना

आ बुधवार को वाराणसी MP/MLA कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही उसपर 2 लाख 2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। हियरिंग के दौरान माफिया बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ा था। वहीं मंगलवार को कोर्ट ने फर्जी हस्ताक्षर कर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में मुख्तार को दोषी पाया था।

जानकारी के मुताबिक मुख्तार को यह दूसरी उम्रकैद की सजा है। इससे पहले उसेै 5 जून 2023 को यानी 9 महीने पहले अवधेश राय हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हुई थी। वहीं, अब 17 महीने के अंदर उसे 8वीं सजा सुनाई गई है। बता दें कि मुख्तार अंसारी 25 अक्टूबर, 2005 से जेल में बंद है। उसके खिलाफ यूपी, दिल्ली, पंजाब में करीब 65 मुकदमे दर्ज हैं।

पूर्व मुख्य सचिव और डीजीपी ने दी गवाही

मुख्तार अंसारी को सजा सुनाने के लिए अभियोजन की तरफ से 10 साक्षियों को अदालत में परीक्षित कराया गया। इसमें प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव व गाजीपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आलोक रंजन, प्रदेश के पूर्व डीजीपी और गाजीपुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक देवराज नागर, गाजीपुर के पूर्व जिलाधिकारी जगन मैथ्यूज, गाजीपुर का शस्त्र लिपिक श्रीप्रकाश, सीबीसीआईडी के अशफाक अहमद, मूलचंद तिवारी, रामनारायण सिंह, राम शिरोमणि पांडेय व विश्व भूषण सिंह और विधि विज्ञान प्रयोगशाला के वैज्ञानिक मदन सिंह शामिल हैं। पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और पूर्व DGP देवराज नागर की गवाही को कोर्ट ने आधार मानकर मुख्तार को दोषी पाया।