Mayawati: 4 राज्यों में मिली करारी हार के बाद मायावती ने 10 दिसंबर को बुलाई बैठक
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के चुनावों का रिजल्ट घोषित होने के बाद बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने ऑल इंडिया पदाधिकारियों एक एक बड़ी बैठक बुलाई है। बसपा की ये बड़ी बैठक राजधानी लखनऊ में 10 दिसंबर को होगी।
Mayawati: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), राजस्थान (Rajasthan), छत्तीसगढ़ (Rajasthan) और तेलंगाना (Telangana) के चुनावों का रिजल्ट घोषित होने के बाद बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने ऑल इंडिया पदाधिकारियों एक एक बड़ी बैठक बुलाई है। बसपा की ये बड़ी बैठक राजधानी लखनऊ में 10 दिसंबर को होगी। 4 राज्यों के परिणाम के बाद मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक के बाद एक करीब 4 चार पोस्ट किये।
मायावती ने पहले पोस्ट में लिखा, देश के चार राज्यों में अभी हाल ही में हुए विधानसभा आमचुनाव के आए परिणाम एक पार्टी के पक्ष में एकतरफा होने से सभी लोगों का शंकित, अचंभित व चिन्तित होना स्वाभाविक, क्योंकि चुनाव के पूरे माहौल को देखते हुए ऐसा विचित्र परिणाम लोगों के गले के नीचे उतर पाना बहुत मुश्किल।
1. देश के चार राज्यों में अभी हाल ही में हुए विधानसभा आमचुनाव के आए परिणाम एक पार्टी के पक्ष में एकतरफा होने से सभी लोगों का शंकित, अचंभित व चिन्तित होना स्वाभाविक, क्योंकि चुनाव के पूरे माहौल को देखते हुए ऐसा विचित्र परिणाम लोगों के गले के नीचे उतर पाना बहुत मुश्किल। — Mayawati (@Mayawati) December 4, 2023
मायावती ने अगले पोस्ट में लिखा, पूरे चुनाव के दौरान माहौल एकदम अलग व काँटे के संघर्ष जैसा दिलचस्प, किन्तु चुनाव परिणाम उससे बिल्कुल अलग होकर पूरी तरह से एकतरफा हो जाना, यह ऐसा रहस्यात्मक मामला है जिसपर गंभीर चिन्तिन व उसका समाधान जरूरी। लोगों की नब्ज पहचानने में भयंकर ’भूल-चूक’ चुनावी चर्चा का नया विषय। बसपा सुप्रीमो ने आगे लिखा, बीएसपी के सभी लोगों ने पूरे तन, मन, धन व दमदारी के साथ यह चुनाव लड़ा, जिससे माहौल में नई जान आई, किन्तु उन्हें ऐसे अजूबे परिणाम से निराश कतई भी नहीं होना है बल्कि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का प्रयास करते रहना है।
2. पूरे चुनाव के दौरान माहौल एकदम अलग व काँटे के संघर्ष जैसा दिलचस्प, किन्तु चुनाव परिणाम उससे बिल्कुल अलग होकर पूरी तरह से एकतरफा हो जाना, यह ऐसा रहस्यात्मक मामला है जिसपर गंभीर चिन्तिन व उसका समाधान जरूरी। लोगों की नब्ज पहचानने में भयंकर ’भूल-चूक’ चुनावी चर्चा का नया विषय। — Mayawati (@Mayawati) December 4, 2023
मायावती ने अपने आखिरी पोस्ट में लिखा, इस चुनावी परिणाम के संदर्भ में जमीनी रिपोर्ट लेकर आगे लोकसभा चुनाव की नए सिरे से तैयारी पर विचार-विमर्श के लिए पार्टी की आल इण्डिया की बैठक आगामी 10 दिसम्बर को लखनऊ में आहुत। चुनाव परिणाम से विचलित हुए बिना अम्बेडकरवादी मूवमेन्ट आगे बढ़ने का हिम्मत कभी भी नहीं हारेगा।
4. इस चुनावी परिणाम के संदर्भ में जमीनी रिपोर्ट लेकर आगे लोकसभा चुनाव की नए सिरे से तैयारी पर विचार-विमर्श के लिए पार्टी की आल इण्डिया की बैठक आगामी 10 दिसम्बर को लखनऊ में आहुत। चुनाव परिणाम से विचलित हुए बिना अम्बेडकरवादी मूवमेन्ट आगे बढ़ने का हिम्मत कभी भी नहीं हारेगा। — Mayawati (@Mayawati) December 4, 2023
अब देश के चार में हुए विधानसभा चुनावों के रिजल्ट में बहुजन समाज पार्टी को कितने नंबर मिले इस एक नजर डालते हैं-
4 राज्यों में कोई चमत्कार नहीं दिखा पाई बसपा
राजस्तथान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव के परिणाम परिणाम बता रहे हैं कि बसपा इन 4 राज्यों में कोई चमत्कार नहीं दिखा पाई है... 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार सीटें तो कम हुई ही साथ में मतदान प्रतिशत भी गिरा है। इस बार बसपा राजस्थान में केवल दो सीटें ही जीती है, जबकि पिछले चुनाव में वह यहां छह सीटें जीती थी। वहीं यूपी में मूल जनाधार होने के बाद भी विधानसभा चुनाव में एक सीट जीती थी और राजस्थान में दो सीटें मिली हैं। मायावती ने राजस्थान में इस बार अपने दम पर चुनाव लड़ा और 199 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। लेकिन दो सीटें ही जीत पाई। इतना ही नहीं पार्टी का वोटिंग प्रतिशत भी गिरा है। इस बार मात्र 1.82 फीसदी ही वोट मिले।
मध्य प्रदेश में बसपा को लगा करारा झटका
अब मध्य प्रदेश की बात करते हैं यहां भी बसपा को करारा झटका लगा है। बसपा यहां गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन कर 178 सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन एक सीट भी नहीं जीत पाई। इसके साथ ही वोट मात्र 3.31 प्रतिशत मिला। वहीं पिछले 2018 के चुनाव में दो सीटें मिली थी और वोटिंग प्रतिशत 5.01 था। छत्तीसगढ़ में गठबंधन पर 53 सीटों पर लड़ी और सभी पर हार गई। पिछले चुनाव में दो सीटें जीती थी और वोटिंग प्रतिशत 3.09 था। इस बार वोट प्रतिशत गिरकर दो फीसदी ही रह गया। इसके साथ ही बसपा को तेलांगना में भी सफलता नहीं मिली।