Mahant Narendra Giri suicide case : महंत नरेंद्र गिरी आत्महत्या मामले में गवाही शुरू, आनंद गिरि ने की कोर्ट आने की अपील
प्रयागराज के बहुचर्चित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी आत्महत्या मामले गवाही शुरू हो गई है। गवाही के लिए 31 मई की तारीख तय की गई है। सभी आरोपी जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होंगे।
Mahant Narendra Giri suicide case : प्रयागराज के बहुचर्चित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी आत्महत्या मामले गवाही शुरू हो गई है। गवाही के लिए 31 मई की तारीख तय की गई है। सभी आरोपी जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होंगे। महत्वपूर्ण गवाह रविंद्रपुरी के उपस्थिति न होने की वजह से पिछली नियत तिथि पर सुनवाई नही हो सकी थी। अभियोजन पक्ष की ओर से रविंद्रपुरी को महंत नरेंद्र गिरी की आवाज के ऑडियो कैसेट सुनाए गए हैं। वीडियो फुटेज भी दिखाई गई।
रवींद्रपुरी के न पेश होने पर आदालत ने लगाई फटकार
मामले की सुनवाई अब अपर सत्र न्यायाधीश अंजू कनौजिया के न्यायालय कक्ष संख्या नौ के समक्ष हो रही है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह, हरि नारायण शुक्ल ने बताया कि गवाह रवींद्रपुरी के अदालत में हाजिर न होने पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त किया है। वहीं अभियोजन पक्ष को गवाह उपस्थित करने का निर्देश दिया गया है।
ये था मामला
20 सितंबर 2021 को महंत नरेंद्र गिरि का शरीर मठ के कमरे में रस्सी के फंदे से लटकी मिली थी। वहां मिले कई पेज के सुसाइड नोट के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप पुराने शिष्य आनंद गिरि, बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और बेटे संदीप तिवारी पर लगा था। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही शासन ने इस प्रकरण की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी।
कोर्ट में खुद पेश होना चाहते हैं आनंद गिरि
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चित्रकूट जेल से आनंद गिरि सुनवाई में शामिल होते रहे हैं। अब इस मामले में आरोपित आनंद गिरि चाहते हैं कि गवाह उनके सामने बयान दर्ज कराएं। आनंद गिरि ने कोर्ट में गुहार लगाई कि वह व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में आना चाहते हैं। इस मामले पर कोर्ट ने कहा कि आपके अधिवक्ताओं के द्वारा ही प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है कि जान का खतरा होने के कारण समस्त कार्रवाई जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही कराई जाए। आनंद गिरि ने कहा कि हम अपने अधिवक्ताओं से प्रार्थना पत्र दिलवाते हैं कि अगली तिथि में व्यक्तिगत रूप से हमको कोर्ट के सामने पेश किया जाए