Mahalaya 2024: महालया का शारदीय नवरात्र से का क्या संबंध है? जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
क्या आप जानते हैं कि महालया का शारदीय नवरात्र का क्या संबंध है? अगर नहीं जानते तो आइए बताते हैं इस पर्व से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में।
Mahalaya 2024: सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र के पर्व को बहुत शुभ माना जाता है। इस पावन अवधि मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इस त्योहार की शुरुआत महालय से होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महालया का शारदीय नवरात्र का क्या संबंध है? अगर नहीं जानते तो आइए बताते हैं इस पर्व से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में।
इस दिन है महालया
पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर सर्वपितृ अमावस्या मनाई जाती है। ये दिन पितृपक्ष का अंतिम दिन होता है। इसी वजह से महालया भी 02 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। इसके अगले दिन से शारदीय नवरात्र शुरू होंगे।
महालया अमावस्या मुहूर्त
कुतुप मूहूर्त- सुबह 11 बजकर 46 मिनट से 12 लेकर 34 मिनट तक।
रौहिण मूहूर्त - दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से लेकर से 01 बजकर 21 मिनट तक।
अपराह्न काल- दोपहर 01 बजकर 21 से लेकर 03 बजकर 43 मिनट तक।
महालया का नवरात्रि से संबंध
सनातन धर्म में महालया के पर्व का अधिक महत्व है। इस त्योहार के अगले दिन शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है। सर्वपितृ अमावस्या को ही महालया अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि शारदीय नवरात्र में महालया देवी का आगमन धरती पर नहीं होता है, तो ऐसे में मां के 9 सवरूपों की पूजा-अर्चना संभव नहीं हो पाती। माना जाता है कि शारदीय नवरात्र में रोजाना विधिपूर्वक मां दुर्गा की उपासना करने से जातक को सभी तरह के दुख और दर्द से छुटकारा मिलता है और सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है।