Maghmela 2024: संगम तट पर शुरू हुई माघमेले की तैयारियां, महाकुंभ के लेवल पर होगा इस बार का माघमेला
इस बार 15 फरवरी 2024 से शुरु हो रहे माघमेले के लिए संगम तट पर तैयारियों का सिलसिला पूरे जोर पर है साथ ही महाकुंभ को देखते हुए इस बार विस्त्रित रुप से इन तैयारियों पर काम चालू है। वहीं बड़े पैमाने पर हो रही तैयारियों को देखकर इस बार माघमेले को महाकुंभ के फुल ड्रेस रिर्हसल के रुप में देखा जा रहा है।
Maghmela 2024: साल 2025 में होने वाले महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के लिए प्रयागराज (Prayagraj) की धरती पूरी तरीके से तैयारियों में जुट गई है। साल 2025 के महाकुंभ से पहले प्रयाग में हर साल की तरह आने वाले साल में भी माघमेला (Maghmela) का आयोजन होगा। दरअसल प्रयागराज में हर साल मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन से शुरु होकर शिवरात्रि (Shivratri) तक माघमेला लगता है। इस बार 15 फरवरी 2024 से शुरु हो रहे माघमेले के लिए संगम तट पर तैयारियों का सिलसिला पूरे जोर पर है साथ ही महाकुंभ को देखते हुए इस बार विस्त्रित रुप से इन तैयारियों पर काम चालू है। वहीं बड़े पैमाने पर हो रही तैयारियों को देखकर इस बार माघमेले को महाकुंभ के फुल ड्रेस रिर्हसल के रुप में देखा जा रहा है।
तैयारियों में प्रशासन
मंत्रियों से लेकर सरकारी अफसरों तक महाकुंभ की तैयरियों में लगे हुए हैं। इसी के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देशन में प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) कार्यों की हकीकत देखने के लिए प्रयागराज दौरे पर आ रहे हैं।
मेला अधिकारी कर रहे बैठक
वहीं दूसरी ओर महाकुंभ के मेला अधिकारी विजय किरण आनंद (Vijay KIran Anand) लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। मेला अधिकारी के मुताबिक इस बार महाकुंभ में पूरी दुनिया से करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। जिलके चलते न सिर्फ प्रयागराज में बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी सड़क, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे स्थायी कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
संगम पर बनेगा रोपवे (Ropeway on Sangam)
महाकुंभ के पहले गंगा नदी पर एशिया का सबसे लंबा पुल (Asia's Longest Bridge) बनाया जा रहा है जो 10 किलोमीटर लंबा होगा। यह पुल शहर के मम्फोर्डगंज (Mumfordganj) से फाफामऊ (Phaphamau) के आगे मलाका (Malaka) तक होगा। वहीं जानकारी के मुताबिक सरकार संगम पर रोपवे का निर्माण भी करेगी। जो अभी तक कि योजना के तहत बड़े हनुमान मंदिर (Bade Hanuman Temple) के पास स्थित आदि शंकर मंडपम मंदिर (Adi Shankar Mandapam) से अरैल (Arail Ghat) व झूंसी (Jhoonsi) तक बनाया जाएगा।
डिजिटल कुंभ संग्रहालय (Digital Kumbh Museum)
इसी के साथ संगम नगरी में, अरैल के पास पहली बार कलश के आकार का डिजिटल कुंभ संग्रहालय भी बनाया जाएगा होगा। जानकारी के अनुसार संग्रालय धार्मिक और पौराणिक स्थलों के साथ ऋषियों- मुनियों की जीवनी पर केंद्रित होगा।
गंगा पंडाल (Ganga Pandal)
सरकार महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने का इंतजाम कर रही है। इसके तहत वीआईपी और सामान्य श्रद्धालुओं दोनों के ठहरने पर फोकस किया जा रहा है। जिसके तहत संगम क्षेत्र में 25,000 की क्षमता वाला गंगा पंडाल बनाया जाएगा। जिसमें एक साथ 25,000 श्रद्धालु ठहर सकते हैं।
लखनऊ की तर्ज पर रिवरफ्रंट (Riverfront)
मेला अधिकारी ने बताया कि मेला क्षेत्र को इस बार 4 हजार हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बसाया जाएगा। जिसमें लगभग 1800 हेक्टेयर में पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी जबकि 13 KM में रिवर फ्रंट (Riverfront) का निर्माण किया जाएगा। वहीं रोड, ग्रीन बेल्ट का विकास, पेयजल, शौचालय, विद्युत व्यवस्था तथा वेंडिंग जोन की व्यवस्था भी कराई जाएगी
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बनेंगे 12 स्थाई बस स्टैंड
श्रद्धालुओं के आने जाने के लिए बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों के साथ ही एयरपोर्ट का भी विस्तार किया जा रहा है। प्रशासन ने बताया कि मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए 1000 शटल बसों के साथ इलेक्ट्रिक बसों की व्यवस्था भी की जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को मेला पहुंचने में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। वहीं रोजवेज ने बसों के संचालन के लिए 12 अस्थाई बस स्टैंड बनाए जाने की भी जानकारी दी है।