Lucknow News: लखनऊ से बरामद किये गए बिहार के 24 बच्चे, किराये के मकान में चल रहा था मदरसा
यूपी में एक बार फिर मदरसे में पढ़ाने के लिए लाए गए बिहार के बच्चों को बरामद किया गया है। ये कार्रवाई राजधानी लखनऊ (Lucknow) के दुबग्गा (Dubagga) इलाके में बुधवार को की गई है। यहां एक किराये के मकान में मदरसा संचालित किया जा रहा था। जहां से बिहार के 24 बच्चों को करीब 3 घंटे रेस्क्यू कर छुड़ाया गया है।
Lucknow News: यूपी में एक बार फिर मदरसे में पढ़ाने के लिए लाए गए बिहार के बच्चों को बरामद किया गया है। ये कार्रवाई राजधानी लखनऊ के दुबग्गा इलाके में बुधवार को की गई है। यहां एक किराये के मकान में मदरसा संचालित किया जा रहा था। जहां से बिहार के 24 बच्चों को करीब 3 घंटे रेस्क्यू कर छुड़ाया गया है। इस मदरसे को दरभंगा निवासी दो मौलवी संचालित करे रहे थे। ये दोनों सगे भाई है। वहीं, अब बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (Child Welfare Committee) के सदस्यों के सामने पेश किया जाएगा। इसके बाद उन्हें राजकीय बालगृह (Government Children's Home) में रखा जाएगा। इसके साथ ही परिजनों से संपर्क कर बच्चों की सुपुर्द करने की कार्रवाई की जायेगी।
6 से 15 वर्ष तक के 24 बच्चे बरामद
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (State Commission for Protection of Child Rights) की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी (Dr. Shuchita Chaturvedi) ने मामले की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि उन्हें दुबग्गा इलाके के कस्मंडी रोड पर अंदेकी चौकी के पास एक घर में मदरसा संचालित होने की सूचना मिली थी। मिली सूचना के आधार पर आयोग की पूर्व सदस्य संगीता शर्मा, एंटी ह्यूमन ट्रैकिंग यूनिट (Anti Human Tracking Unit) प्रभारी दशरथ सिंह, दुबग्गा थाना प्रभारी अभिनव वर्मा पुलिस फोर्स संग बुधवार शाम करीब चार बजे टीम के संग मौके पर पहुंची और बच्चों का रेस्क्यू किया गया। तीन कमरों के मकान में संचालित किये जा रहे मदरसे से 6 से 15 वर्ष तक के 24 बच्चे बरामद किये गए है। इसमें से तीन बच्चे मदरसा संचालक मौलाना इरफान के थे, जो उसे सौंप दिए गए हैं। वहीं, अन्य 21 बच्चों को बाल सुधार गृह भेजा गया है।
दरभंगा निवासी दो मौलवी चला रहे थे मदरसा
डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि मदरसे का संचालन बिहार के दरभंगा निवासी दो मौलवी इरफान और अफसान कर रहे है, ये दोनों सगे भाई हैं। वहीं रेस्कयू के दौरान पूछताछ में पता चला कि सभी बच्चे दरभंगा के दो गांवें से लाये गये हैं। बच्चों को शाम 7 बजे तक रेस्क्यू किया गया। मदरसे से बरामद बच्चों को अब सीडब्लूसी के सामने प्रस्तुत कर किया जाएगा और उनकी काउंसिलिंग कराई जायेगी। इसके अलावा मदरसा की मान्यता की भी जांच कराई जायगी। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।
नया मदरसा, अभी पंजीयन भी नहीं कराया गया
डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि मदरसा नया है। इसका पंजीयन भी नहीं कराया गया है। 3 कमरों के किराए के मकान में इसका संचालन किया जा रहा है। यहां बच्चों के रहने और खाने की उचित व्यवस्था भी नहीं की गई है। बच्चों ने वहां पर कई तरह की परेशानियां होने की बात कही है।
बच्चों ने ये भी बताया कि उन्हें यहां हिंदी या अंग्रेजी नहीं पढ़ाई गई। सिर्फ एक विषय के बारे में पढ़ाई कराई जाती है। यहां के शिक्षक भी हिंदी व अंग्रेजी नहीं पढ़ सके।
दान के नाम पर जमा कराए गए 5 लाख रुपए
डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि यहां ट्रस्ट के नाम पर खेल किया जा रहा था। मदरसा से 12 रसीद बुक बरामद की गई हैं। जिनमें लोगों से जकात यानी दान के नाम पर रुपए जमा कराए गए हैं। रसीदों की जांच में पता चला है कि दान के नाम पर करीब 5 लाख रुपए जमा कराए गए है।
95 बच्चे अयोध्या से किए गए थे बरामद
बता दें कि कुछ दिन पहले ही आयोग, अयोध्या पुलिस और सीडब्लूसी की टीम ने बिहार से सहारनपुर ले जाये जा रहे 95 बच्चों को बरामद किया था। इन बच्चों को बस के जरिए सहारनपुर के दो मदरसे ले जाया जा रहा था। बरामद 95 बच्चों को भी लखनऊ के मोहानरोड स्थित राजकीय बालक बाल गृह में रखा गया है। उनके परिजनों को मामले की जानकारी दी गई। अब कागजी कार्रवाई पर बच्चों को परिजनों के सुपुर्द किया जा रहा है।