Kolkata Underwater Metro: पीएम मोदी ने देश को पहली अंडरवाटर मेट्रो का दिया तोहफा, कोलकाता में हुगली नदी के नीचे बना मेट्रो स्टेशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज देश को पहली अंडरवाटर मेट्रो (underwater metro) का तोहफा दिया। पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) के कोलकाता (Kolkata) में पहली अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन किया। इसी के साथ भारत ने एक नया इतिहास दर्ज कर लिया है।
Kolkata Underwater Metro: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज देश को पहली अंडरवाटर मेट्रो (underwater metro) का तोहफा दिया। पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) के कोलकाता (Kolkata) में पहली अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन किया। इसी के साथ भारत ने एक नया इतिहास दर्ज कर लिया है। क्योंकि कोलकाता में बनाया गया ये अंडरवाटर टनल (underwater tunnel) दुनिया में सबसे गहराई में बना मेट्रो स्टेशन है। पश्चिम बंगाल में ये मेट्रो हुगली नदी (Hooghly River) के नीचे बने अंडरग्राउंड टनल से होकर गुजरेगी। इस मेट्रो के जरिए नदी के दोनों किनारों पर बसे दो बड़े शहरों को आपस में जोड़ा गया है। ये मेट्रो टनल हावड़ा (Howrah) और कोलकाता (Kolkata) शहर को आपस में जोड़ रहा है।
प्रतिदिन 7 से 10 लाख लोगों का सफर होगा आसान
देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो जमीन से 33 मीटर नीचे और हुगली नदी के तल से 13 मीटर नीचे दौड़ेगी। इसके लिए हावड़ा स्टेशन से महाकरण स्टेशन तक 520 मीटर लंबी टनल बनाई गई है.. जिसमें मेट्रो के दो ट्रैक बिछाए गए हैं। मेट्रो ट्रेन अंडरवाटर टनल को 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से महज़ 45 सेकेंड में पार कर लेगी। इससे बंगाल के दो बड़े शहर हावड़ा और कोलकाता की कनेक्टिविटी काफी बेहतर होगी। इसके जरिए रोजमर्राह की भागदौड़ में करीब 7 से 10 लाख लोगों का सफर आसान होगा।
दुनिया का सबसे ज्यादा गहराई में बना अंडरवाटर मेट्रो स्टेशन
खास बात ये है कि देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो की शुरुआत उसी जगह से हुई है। जहां से 40 साल पहले देश की पहली मेट्रो ट्रेन शुरू हुई थी। देश की पहली मेट्रो ट्रेन 1984 में कोलकाता उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर यानी ब्लू लाइन में दौड़ी थी। अब एक बार फिर 2024 में यहीं से देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन की शुरूआत हुई है। इसके साथ ही यह दुनिया में सबसे ज्यादा गहराई में बना अंडरवाटर मेट्रो स्टेशन भी बन गया है। अभी तक लंदन (London) और पेरिस (Paris) में ही अंडरवाटर टनल मेट्रो रूट (Underwater Tunnel Metro Route) बना है, लेकिन उसकी गहराई कम है।
10 किमी से ज्यादा लंबी है अंडरग्राउंड टनल
दरअसल, यह अंडरवॉटर मेट्रो सर्विस (Underwater Metro Service), कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (East-West Corridor of Kolkata Metro) के हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड सेक्शन (Howrah Maidan-Esplanade Section) का हिस्सा है। ये पूरा रूट लगभग 16.6 किलोमीटर लंबा है और अंडरग्राउंड टनल लगभग 10.8 किलोमीटर लंबी है। जो हुगली नदी के नीचे टनल से गुजरती है। इस मेट्रो लाइन पर 12 स्टेशन हैं, इसमें से तीन स्टेशन अंडरवाटर है। हावड़ा मैदान, हावड़ा स्टेशन और महाकरण स्टेशन अंडरवाटर और एस्प्लनेड है। इनमें हावड़ा मैदान से एस्प्लनेड तक 4.8 किमी रूट बनकर तैयार है। हावड़ा स्टेशन जमीन से 30 मीटर और नदी की सतह से 13 मीटर नीचे हैं। हुगली नदी के नीचे बने 520 मीटर लंबे टनल को मेट्रो सिर्फ 45 सेकंड में पार कर लेगी। पानी के नीचे बनी टनल में यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा का पूरा ख्याल रखा गया है। अंडरवाटर मेट्रो में यात्रियों को 5G इंटरनेट की सुविधा मिलेगी। वहीं सुरक्षा को लेकर कहा गया है कि टनल में पानी की एक बूंद भी नहीं आ सकती।
2010 में एफकॉन्स कंपनी को मिला था टनल बनाने का कॉन्ट्रैक्ट
कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (Kolkata Metro Rail Corporation) के मुताबिक, टनल बनाने का कॉन्ट्रैक्ट 2010 में एफकॉन्स कंपनी (Afcons Company) को दिया गया था। एफकॉन्स ने जर्मन कंपनी हेरेनकनेक्ट (German company Herrenconnect) से टनल बोरिंग मशीन (tunnel boring machine) मंगाईं थी। रीअलाइनमेंट के बाद 2017 में TBM ने पानी में सुरंग बनाना शुरू किया था, लेकिन इस दौरान 1 सितंबर, 2019 को टनल बोरिंग मशीन चंडी सियालदह (Chandi Sealdah) से करीब आधा किलोमीटर पहले एक बड़े पत्थर से टकरा गई। जिससे वहां की कई इमारतों में दरार आ गईं। इस घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया था। सैकड़ों परिवार अपने घरों को छोड़ कर दूसरी जगह चले गए। हाईकोर्ट ने काम रोकने का आदेश दिया। इसके बाद जब कुछ महीनों तक कोई धंसाव नहीं हुआ तो, फरवरी 2020 में फिर काम शुरू हुआ था। कोरोना महामारी (corona epidemic) के बीच दो सालों के अंदर इस मेट्रो परियोजना का काम पूरा किया गया।