Indian Army: SC ने महिला अफसरों के लिए नई पॉलिसी बनाने के लिए आर्मी को दिया 4 महीने का समय
प्रीम कोर्ट में सरकार की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सीनियर वकील आर बालासुब्रमण्यम ने कोर्ट में कहा कि इंडियन आर्मी में महिलाओं के प्रमोशन के मामले पर काम जारी है।
Indian Army: इंडियन आर्मी (Indian Army) में महिला अफसरों के लिए एक नई पॉलिसी बनाई जा रही है। इंडियन आर्मी की महिला अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कर्नल से ब्रिगेडियर रैंक के प्रमोशन में भेदभाव का आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की थी। इस पर कल 4 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिसके बाद कोर्ट ने महिला अफसरों के लिए नई पॉलिसी बनाने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) को नोटिस भेजा है।
काम जारी है
सुप्रीम कोर्ट में सरकार की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी (Attorney General R Venkataramani) और सीनियर वकील आर बालासुब्रमण्यम (R Balasubramaniam) ने कोर्ट में कहा कि इंडियन आर्मी में महिलाओं के प्रमोशन के मामले पर काम जारी है। और जल्द ही केंद्र सरकार इस लागू भी करेगी।
4 महीने का समय
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud), जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की पीठ ने आर्मी को 4 महीने यानी 31 मार्च 2024 तक का समय दिया है। जिसके बाद अप्रैल 2024 में इस मुद्दे पर अगली सुनवाई होगी।
पहले क्या था नियम
दरअसल पहले सेना में महिलाओं का प्रवेश शॉर्ट सर्विस कमीशन (Short Service Commission) के माध्यम से होता था। जिसके तहत महिलाएं अधिकतम 14 साल तक ही सेवाएं दे पाती थीं। वैसे तो एसएससी होने के बावजूद भी कुछ महिला अधिकारियों को सेवा में विस्तार मिला लेकिन फिर भी उन्हें स्थायी कमीशन कभी नहीं दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
17 साल की कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2020 में महिला अफसरों को आर्मी में स्थायी कमीशन देने का फैसला सुनाया था। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह सभी महिला अफसर जो इस विकल्प को चुनना चाहती हैं उन सभी को 3 महीने के अंदर आर्मी में स्थायी कमीशन दिया जाए।