Lucknow News: तिरुपति प्रसाद विवाद का असर, लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में बाजार से लाए गए प्रसाद पर लगा बैन

आंध्र प्रदेश के विश्व विख्यात तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट मामले का असर अब देशभर के अन्य मंदिरों पर भी देखने को मिल रहा है। इस मामले के सामने आने के बाद देश के कई मंदिरों में प्रसाद को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। इस बीच राजधानी लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में बाजार से खरीदे गए प्रसाद पर रोक लगा दी गई है।

Lucknow News: तिरुपति प्रसाद विवाद का असर, लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में बाजार से लाए गए प्रसाद पर लगा बैन

Lucknow News: आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के विश्व विख्यात तिरुपति बालाजी मंदिर (World famous Tirupati Balaji Temple) के प्रसाद में मिलावट मामले का असर अब देशभर के अन्य मंदिरों पर भी देखने को मिल रहा है। इस मामले के सामने आने के बाद देश के कई मंदिरों में प्रसाद को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। इस बीच राजधानी लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर (Mankameshwar Temple of Lucknow) में बाजार से खरीदे गए प्रसाद पर रोक लगा दी गई है। अब बाजार से खरीदा गया प्रसाद में मंदिर में नहीं चढ़ाया जा सकेगा, सिर्फ घर का बना हुआ प्रसाद ही मंदिर में चढ़ाया जा सकेगा। 
 
मंदिर में बाजार के प्रसाद पर रोक 

तिरुपति लड्डू विवाद के बाद लखनऊ में मनकामेश्वर मंदिर के महंत दिव्यगिरि (Mahant Divyagiri of Mankameshwar Temple) ने बाहर से लाया गया प्रसाद मंदिर में चढ़ाने से मना कर दिया है। महंत दिव्यागिरि (Mahant Divyagiri) ने एक पत्र जारी कर कहा कि भक्त अपने घरों से बनाया गया प्रसाद या सूखे मेवे ही गर्भ गृह में चढ़ाने के लिए पुजारी को दें। यह व्यवस्था सोमवार (23 सितंबर) सुबह से लागू हो गई है। 

दुनियाभर में फेमस है तिरुपति मंदिर 

महंत देव्यागिरि ने कहा कि यह निर्णय आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर (Tirupati Temple of Andhra Pradesh) में हुए मिलावटी प्रसाद कांड के बाद लिया गया है, जहां लड्डू बनाने में उपयोग होने वाली सामग्री में गड़बड़ी पाई गई थी। तिरुपति मंदिर के लड्डू को जीआई टैग (gi tag) भी हासिल है और यह दुनियाभर में फेमस है। महंत ने कहा कि यह बदलाव मंदिर में प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता को बनाए रखने में सहायता करेगा।

मनकामेश्वर मंदिर में प्रसाद चढ़ाने के नए नियम 

अब भक्त घर से खुद का बनाया गया प्रसाद ही मंदिर में लाकर चढ़ा सकते हैं। सूखे मेवे भी प्रसाद के रूप में चढ़ाए जा सकते हैं। बाजार से खरीदे गए प्रसाद को मंदिर में बैन कर दिया गया है।

तिरुपति मंदिर के प्रसाद पर विवाद

बता दें कि कुछ दिन पहले एक लैब रिपोर्ट का हवाला देते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने राज्य की पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार (Jagan Mohan Reddy Government) पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि तिरुपति मंदिर (Tirupati Temple) के लड्डू प्रसादम को जिस घी से तैयार किया जाता है, उसके सैंपल में पशुओं की चर्बी मिले होने की पुष्टि लैब टेस्ट में हुई है।

सीबीआई से मामले की जांच कराने की मांग

दरअसल, तिरुपति मंदिर (Tirupati Temple) में घी सप्लाई करने वाली कंपनी एआर डेयरी को जगन सरकार में ही कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। इस बीच, आंध्र प्रदेश की कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला रेड्डी (YS Sharmila Reddy) ने 21 सितंबर को राजभवन में राज्यपाल अब्दुल नजीर (Governor Abdul Nazir) से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल से तिरुमाला लड्डू प्रसादम (Tirumala Laddu Prasadam) में इस्तेमाल किए गए घी में कथित मिलावट की सीबीआई (CBI) जांच कराने का आग्रह किया। 

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा प्रसाद में मिलावट का मामला

वहीं, पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने भी आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट (Andhra Pradesh High Court) में एक याचिका दाखिल करके चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) के आरोपों की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीडीपी राजनीतिक फायदे के लिए इस प्रकार के बेबुनियाद आरोप लगा रही है। इस बीच वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में लड्डू प्रसादम में पशु की चर्बी के प्रयोग का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी (SIT) गठित किए जाने की मांग की है।